मदुरै : भारतीय टीम बेहतरीन फार्म में चल रही है लेकिन अभी तक उसे असली चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा है और ऐसे में वह मंगलवार को यहां एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप हॉकी टूर्नामेंट के नाकआउट चरण से पहले अपने अंतिम ग्रुप लीग मुकाबले में स्विट्जरलैंड के खिलाफ जीत की लय जारी रखने और अपने कमजोर पक्षों को दूर करने की कोशिश करेगी।
भारत और स्विट्जरलैंड दोनों ही पूल बी में दो-दो मैच जीतकर अजेय हैं, लेकिन भारतीय टीम बेहतर गोल अंतर के आधार पर तालिका में शीर्ष पर है। चेन्नई में पहले दो मैच में भारतीय टीम ने गोल की बरसात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसने पहले मैच में चिली को 7-0 से और फिर ओमान को 17-0 से हराया। दूसरी ओर स्विट्जरलैंड ने ओमान को 4-0 से हराया और फिर चिली पर 3-2 से जीत हासिल की।
भारतीय टीम से उम्मीद की जा रही है कि वह अपना विजय अभियान जारी रखकर नॉकआउट से पहले बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। लेकिन नॉकआउट चरण से पहले भारत के लिए कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। पहले दो मैचों में भारतीय रक्षापंक्ति की ज्यादा परीक्षा नहीं हुई क्योंकि गोलकीपर प्रिंस दीप सिंह और बिक्रमजीत सिंह को किसी तरह की खास चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा।
कप्तान रोहित की अगुवाई में रक्षापंक्ति भी टूर्नामेंट के अंतिम चरण में अधिक सक्रिय रहना चाहेगी। भारत के लिए चिंता का एक अन्य क्षेत्र पेनल्टी कॉर्नर पर गोल नहीं कर पाना है। टीम के मुख्य ड्रैगफ्लिकर कप्तान रोहित को अपने खेल में सुधार करना होगा। ऐसा नहीं है कि भारत ने पेनल्टी कॉर्नर से गोल नहीं किए, लेकिन अधिकतर गोल वैरिएशन और रिबाउंड से किए गए।
पहले दो मैचों में भारत के प्रदर्शन के लिए सबसे उत्साहजनक पहलू उसकी मध्य पंक्ति और अग्रिम पंक्ति का प्रदर्शन रहा। दिलराज सिंह अभी तक छह गोल करके टूर्नामेंट के संयुक्त रूप से शीर्ष स्कोरर हैं। उन्होंने ओमान के खिलाफ हैट्रिक भी लगाई थी जबकि अर्शदीप सिंह ने भी पिछले मैच में तीन गोल किए थे। मनमीत सिंह, अजीत यादव और इंगलेम्बा लुवांग थोरावोजम जैसे खिलाड़ी भी गोल करने वालों में शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के खिलाफ मैच मदुरै में भारत का एकमात्र मैच है। इसके बाद वह अपने बाकी मैच खेलने के लिए चेन्नई लौटेगा।
यह देखना अभी बाकी है कि भारतीय खिलाड़ी यहां की परिस्थितियों के साथ किस तरह तालमेल बिठा पाते हैं। भारत के सहायक कोच बीरेंद्र लाकड़ा इसको लेकर ज्यादा परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मैदान बदलेगा, लेकिन मौसम की स्थिति वही रहेगी। हमें अभ्यास और सामंजस्य बिठाने के लिए दो दिन का समय भी मिला है। स्विट्ज़रलैंड एक अच्छी टीम है। उसने अपने दो मैच भी जीते हैं, इसलिए यह मुकाबला आसान नहीं होगा। लेकिन हम उनके खेल का विश्लेषण करेंगे और उसी तरह से अपनी रणनीति बनाएंगे।'
मंगलवार को अन्य मैचों में स्पेन का मुकाबला नामीबिया से (मदुरै में), बेल्जियम का मिस्र से (मदुरै में), चिली का ओमान से (चेन्नई में), नीदरलैंड का ऑस्ट्रिया से (मदुरै में), फ्रांस का बांग्लादेश से (चेन्नई में), इंग्लैंड का मलेशिया से (मदुरै में) और ऑस्ट्रेलिया का कोरिया से (चेन्नई में) होगा।