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नॉटिंघम : इंग्लैंड ने ट्रेंट ब्रिज में खेले गए एकमात्र चार दिवसीय टेस्ट मैच में जिम्बाब्वे को पारी और 45 रनों से करारी शिकस्त दी। यह मुकाबला 22 साल बाद दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट था, जो तीन दिन में ही समाप्त हो गया। इंग्लैंड की इस जीत में युवा स्पिनर शोएब बशीर की शानदार गेंदबाजी (9 विकेट) और बल्लेबाजों की तूफानी पारी ने अहम भूमिका निभाई।

पहले दिन इंग्लैंड ने टॉस हारकर बल्लेबाजी शुरू की और जैक क्रॉली (124), बेन डकेट (140) और ओली पोप (171) के शतकों की बदौलत 565/6 पर पारी घोषित की। जिम्बाब्वे की गेंदबाजी कमजोर साबित हुई। ब्लेसिंग मुजराबानी ने 19 ओवर डाले। दूसरे दिन, जिम्बाब्वे ने जवाब में 265 रन बनाए, जिसमें सलामी बल्लेबाज ब्रायन बेनेट ने 97 गेंदों में 139 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जो जिम्बाब्वे का सबसे तेज टेस्ट शतक है। बेनेट की पारी में 26 चौके शामिल थे, लेकिन अन्य बल्लेबाजों का साथ न मिलने से टीम 300 रन पीछे रह गई।

 

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने फॉलो-ऑन लागू किया और जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में बशीर ने 6/81 के सर्वश्रेष्ठ आंकड़े दर्ज किए। जिम्बाब्वे 255 रनों पर सिमट गई, जिसमें सीन विलियम्स (50) और सिकंदर रजा (44) ने संघर्ष किया। बेनेट दूसरी पारी में केवल 1 रन बना सके। बशीर ने मैच में कुल नौ विकेट लिए और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। स्टोक्स और डेब्यूटेंट सैम कुक ने भी गेंदबाजी में योगदान दिया।

ट्रेंट ब्रिज की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल थी, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने विविधता और अनुशासन दिखाया। जिम्बाब्वे की सकारात्मक बल्लेबाजी ने प्रशंसकों का दिल जीता, लेकिन अनुभव की कमी और रिचर्ड नगारावा की चोट ने उनकी चुनौतियां बढ़ाईं। यह मैच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं था, और चार दिवसीय प्रारूप में 98 ओवर प्रतिदिन और 150 रनों का फॉलो-ऑन मार्जिन लागू था। इंग्लैंड अब भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज की तैयारी करेगा।