मुंबई : ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले के माता-पिता ने उन्हें यकीन था कि उनका बेटा तिरंगे और देश के लिए पदक जीतेगा। स्वप्निल के पिता ने कहा, ‘हमने उसे उसके खेल पर फोकस करने दिया और कल फोन भी नहीं किया।'
उन्होंने कहा, ‘पिछले 10-12 साल से वह घर से बाहर ही है और अपनी निशानेबाजी पर फोकस कर रहा है। उसके पदक जीतने के बाद से हमें लगातार फोन आ रहे हैं।' स्वप्निल की मां ने कहा, ‘वह सांगली में पब्लिक स्कूल में था जब निशानेबाजी में उसकी रूचि जगी। बाद में वह ट्रेनिंग के लिए नासिक चला गया।'
गौर हो कि अपना पहला ओलंपिक खेल रहे भारत के स्वप्निल कुसाले ने 1 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में पुरूषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में भारत को पहली बार कांस्य पदक दिलाया। क्वालीफिकेशन में सातवें नंबर पर रहे स्वप्निल ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 451.4 स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया। भारत का इन खेलों में यह तीसरा कांस्य है। इससे पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कांस्य जीता था। भारत के ओलंपिक इतिहास में पहली बार निशानेबाजों ने तीन पदक एक ही खेलों में जीते हैं।