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कैक्सियास डो सुल (ब्राजील) : भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर ने बधिर ओलिम्पिक के फाइनल में जगह बनाकर स्वर्ण पदक जीतने की तरफ एक और कदम बढ़ाया। 5 साल पहले 2017 में तुर्की के सैमसन में पिछले बधिर ओलिम्पिक में रजत पदक जीतने वाली 21 साल की दीक्षा की नजरें अब स्वर्ण पदक पर टिकी हैं। पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाली दीक्षा ने सेमीफाइनल में 2017 की कांस्य पदक विजेता नॉर्वे की आंद्रिया होव्सटीन हेलेगेर्डे को हराया।

दीक्षा डागर ने 5 और 4 से जीत दर्ज की जिसका मतलब हुआ कि वह पांच होल से आगे थी जबकि चार खेले जाने बाकी थे। दीक्षा ने क्वार्टर फाइनल 6 और 5 से जीता था और वरीयता तय करने के लिए हुए स्ट्रोक प्ले में वह 14 शॉट से शीर्ष पर रही। फाइनल में दीक्षा का सामना अमरीका की एशलिन ग्रेस जॉनसन से होगा जो स्ट्रोक प्ले में दूसरे स्थान पर थीं। एशलिन ने फ्रांस की मार्गो ब्रेजो को 4 और 2 से हराया।

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आंद्रिया कांस्य के प्ले आफ में मार्गो से भिड़ेंगी और बधिर ओलिम्पिक में अपना दूसरा पदक जीतने का प्रयास करेंगी। बधिर ओलिम्पिक में 2017 में जब पहली बार गोल्फ को शामिल किया गया था तो दीक्षा ने आसानी से फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन अमरीका की योस्ट केलिन ने उन्हें हराकर स्वर्ण पदक जीता था और भारतीय खिलाड़ी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। दीक्षा के पास अब बधिर ओलिम्पिक में दूसरा पदक जीतने का मौका है और वह 2017 के अपने रजत पदक में सुधार करना चाहेंगी।

दीक्षा ने पिछले साल टोक्यो ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था और वह लेडीज यूरोपीय टूर पर व्यक्तिगत खिताब जीत चुकी हैं। वह लेडीज यूरोपीय टूर पर टीम प्रतियोगिता जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रह चुकी हैं। बधिर ओलंपिक 2022 में भारत ने अब तक चार स्वर्ण और दो रजत पदक जीते हैं और वह पदक तालिका में नौवें स्थान पर चल रहा है।