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नई दिल्लीः फीफा विश्वकप के फाइनल मुकाबले में फ्रांस ने क्रोएशिया को 4-2 से हराकर खिताब अपने नाम किया। यह मुकाबला देखने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों और क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंडा ग्रबर-किटारोविक भी मौजूद थी। लुज्निकी स्टेडियम में हुए इस मैच के बाद माहौल काफी भावुक था। 

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मैच के बाद ट्राॅफी सेरेमनी में क्रोएशिया की राष्ट्रपति अपने देश के खिलाड़ियों से मिल रही थीं, इस दौरान माकियो मांजुकिक का राष्ट्रपति से मिलने का नंबर आया। राष्ट्रपति के पास पहुंचते ही वे खुद पर काबू नहीं रख सके, उनकी आंखों से आंसू से छलक पड़े। लेकिन राष्ट्रपति ने खुद इस खिलाड़ी के आंसू पोछे। दरअसल मांजुकिक अपनी ही टीम में गोल दागने के आत्मग्लानि से उबर नहीं पा रहे थे। राष्ट्रपति ने उनकी खेल भावना की तारीफ भी की।



इस मैच में कप भले ही फ्रांस ने जीता हो, लेकिन दुनिया के करोड़ों फुटबॉल प्रेमियों का दिल क्रोएशिया की टीम ने जीता। ये टीम पहली बार फुटबॉल का वर्ल्ड कप खेल रही थी और पहली ही कोशिश में इस टीम के धुंरधरों ने दुनिया के कई नामी-गिरामी देश को मात दिया और फाइनल तक पहुंच गई। 40 लाख की आबादी वाली क्रोएशिया की टीम ने फुटबॉल के दीवानों प्यार करने के लिए एक नयी टीम दी, जो उनके उम्मीदों पर एकदम सटीक थी। 

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पहली बार फाइनल खेल रही क्रोएशिया किसी भी तरह के दवाब में नहीं थी। वो उसी तरह की फुटबाल खेल रही थी जिस तरह की पूरे विश्व कप में खेलती आ रही थी। उसने फ्रांस पर दवाब बनाए रखा और गेंद अपने पास ज्यादा रखी। हालांकि फ्रांस पहले हाफ की समाप्ति तक 2-1 से आगे थी। इसमें सही मायने में क्रोएशिया की गलती थी। 18वें मिनट में ऐसा पल आया जो अभी तक विश्व कप के फाइनल में कभी नहीं आया और जिसने क्रोएशियाई टीम तथा प्रशंसकों को निराश कर दिया। 

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फ्रांस को फ्री किक मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने लिया। ग्रीजमैन की किक को क्लीयर करने के प्रयास में क्रोएशिया के माकियो मांजुकिक आत्मघाती गोल कर बैठे। उन्होंने अपने हेडर के जरिए गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन गेंद सीधे नेट में गई और फ्रांस बिना प्रयास के 1-0 से आगे हो गई। यह विश्व कप के फाइनल में किया गया पहला आत्मघाती गोल है।