स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल 2024 की नीलामी 19 दिसंबर को दुबई के कोका-कोला एरिना में सफलतापूर्वक आयोजित की गई थी। बोली लगाने की घटना ने कई युवा क्रिकेटरों को दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग में खेलने के अपने सपनों को साकार करने में मदद की जिनमें से एक झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज सुमित कुमार थे, जिन्होंने 20 लाख रुपए के आधार मूल्य पर शुरुआत की और अंततः दिल्ली कैपिटल्स में 1 करोड़ रुपए में शामिल हुए। लेकिन यह एक गलती थी।
सुमित बताया, 'मेरी मां बहुत खुश थीं। वह लगातार मेरे लिए प्रार्थना कर रही थीं। लेकिन यह कैसे संभव है? मैं मानता हूं कि नाम वही हो सकते हैं लेकिन उस तस्वीर का क्या जो टेलीविजन स्क्रीन पर दिखाई दे रही थी? मेरी तस्वीर वहां थी, मेरा नाम वहां था।'
सुमित ने आगे बताया कि नीलामी प्रसारक ने बोली लगाते समय उनकी तस्वीर भी दिखाई थी। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी मां को सांत्वना देने में असफल रहा। वह बहुत भावुक थीं। टेलीविजन स्क्रीन पर मेरा नाम और फोटो देखकर वह बहुत खुश हुईं और फिर यह चौंकाने वाली घटना घटी। दिल्ली कैपिटल्स एक बड़ी टीम है। मैंने उनसे खेलने की उम्मीद नहीं की थी। एक क्रिकेटर की भावनाएं। मेरे परिवार और मुझे इसके बारे में बहुत बुरा लगा।'
उन्होंने आगे कहा कि डीसी के इंस्टाग्राम हैंडल ने भी उन्हें बधाई देने के लिए एक पोस्ट डाला था लेकिन कुछ घंटों बाद इसे हटा दिया गया। सुमित ने कहा, 'उन्होंने मेरी तस्वीर अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर भी डाली। उन्होंने मुझे खोजा। उन्होंने मुझे टैग भी किया। जब मुझे नोटिफिकेशन मिला तो मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त था। लेकिन जब उन्होंने कुछ घंटों के बाद इसे हटा दिया, तो मैं भ्रमित हो गया और स्तब्ध था।
बोकारो के रहने वाले सुमित ने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और उन्हें इस खेल से उनके पिता ने परिचित कराया, जो मैकेनिक का काम करते थे। 28 वर्षीय खिलाड़ी को 2014-15 में झारखंड की सीनियर टीम में भी शामिल किया गया था। हालांकि अपने राज्य में अवसरों की कमी के कारण उन्होंने हाल ही में झारखंड छोड़ कर नागालैंड चले गए। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर में 20 फर्स्ट क्लास, 26 लिस्ट-ए और 21 टी20 मैच खेले हैं।
मैंने माही भाई से बहुत कुछ सीखा है: सुमित
सुमित एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की वजह से उन्होंने विकेटकीपिंग भी की। उन्होंने कहा, 'मैंने माही भाई (एमएस धोनी) से बहुत कुछ सीखा है। उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना, उनसे बात करना और उनसे सीखना बहुत बड़ी बात है। मैंने उनकी वजह से विकेटकीपिंग करना शुरू किया। उन्होंने हमेशा मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया है। एक छोटे भाई की तरह। यह मेरे लिए राह का अंत नहीं है। मैं निराश हूं लेकिन अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करता रहूंगा।'