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नई दिल्ली : क्रिकेट भले ही 128 साल बाद लॉस एंजिल्स में ओलंपिक खेलों में वापसी करेगा लेकिन इस खेल का ओलंपिक से पुराना रिश्ता रहा है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले खेलों में क्रिकेट को शामिल करने की मंजूरी दे दी है। 

यह ओलंपिक इतिहास में दूसरा अवसर होगा जबकि क्रिकेट इन खेलों का हिस्सा बनेगा। इससे पहले पेरिस ओलंपिक 1900 में क्रिकेट ओलंपिक कार्यक्रम का हिस्सा था। पेरिस ओलंपिक 1900 में क्रिकेट में केवल दो टीमों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में इन दोनों टीमों फ्रांस और ग्रेट ब्रिटेन के बीच सीधे फाइनल मैच का आयोजन किया गया था। फ्रांस की टीम में शामिल खिलाड़ियों में एफिल टावर के निर्माण में काम करने वाले मजदूर भी शामिल थे। 

केवल दो दिन तक चला था क्रिकेट का खेल 

पेरिस में 1900 में दूसरे ओलंपिक खेलों का आयोजन किया गया था जो छह महीने तक चले थे। इसमें क्रिकेट का खेल केवल दो दिन तक चला था जिसमें चार पारियों में 366 रन बने थे। इस क्रिकेट मैच का आयोजन वेलोड्रोम डी विन्सेनेस के अंदर किया गया था। इस साइकलिंग ट्रैक में बाउंड्री 30 मीटर से भी छोटी थी। इस मैच में अगर 24 खिलाड़ी भाग ले रहे थे तो दर्शकों की संख्या 20 से भी कम थी। 

26 रन पर आउट हो गई थी टीम 

आर हॉर्न, एच टेरी, डब्ल्यू एंडरसन, डी रॉबिन्सन, डब्ल्यू ब्राउनिंग सप्ताहांत में क्रिकेट खेला करते थे। उन्होंने फ्रेंच एथलेटिक क्लब यूनियन की स्थापना की थी जिसमें फ्रांस में बसे ब्रिटिश लोग शामिल थे। अपनी आजीविका के लिए ये खिलाड़ी एफिल टावर के निर्माण कार्य में मजदूरी करते थे। ऐसे में अगर फ्रांस की टीम 184 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 26 रन पर आउट हो गई तो किसी को हैरानी नहीं हुई। उसका कोई भी खिलाड़ी दोहरे अंक में नहीं पहुंचा था। ग्रेट ब्रिटेन ने खेल समाप्त होने से पांच मिनट पहले 158 रन से जीत दर्ज की थी। इस तरह से ग्रेट ब्रिटेन ने क्रिकेट में स्वर्ण पदक जीता जबकि फ्रांस की टीम को रजत पदक दिया गया। 

आधिकारिक मान्यता 1912 में मिली

दिलचस्प बात यह है कि क्रिकेट में जीते गए इन पदकों को आधिकारिक मान्यता 1912 में जाकर मिली थी। खिलाड़ियों को पदक मिले थे या नहीं इसका कोई आधिकारिक सबूत नहीं है। एजे श्नीडाउ और एफ रोक्स खुद को भाग्यशाली मानेंगे कि अल्पसंख्यक होने के बावजूद दोनों को फ्रांस की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। 

फ्रांस की टीम में इसके अलावा 10 अंग्रेज खिलाड़ी शामिल थे। पहला टेस्ट मैच भले ही 1877 में खेला गया था लेकिन ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस के बीच खेले गए ओलंपिक फाइनल में 12-12 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसमें 22 खिलाड़ी ब्रिटिश मूल के थे। इंग्लैंड में तब क्रिकेट समय बिताने के लिए खेला जाता था।

दिलचस्प था चयन 

ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के चयन का तरीका भी दिलचस्प था। केवल उन्हीं खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया जिन्हें अपने काम से 14 दिन की छुट्टी मिली थी। फ्रांस की टीम में 10 अंग्रेज खिलाड़ी और दो स्थानीय खिलाड़ी शामिल थे। ग्रेट ब्रिटेन के मोंटागु टोलर ने नौ रन देकर सात विकेट लिए और वह इस फाइनल में खेलने वाले उन दो खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेली थी। इस मैच में खेलने वाला अन्य प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अल्फ्रेड बोवरमैन था।