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नई दिल्ली : सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 खेलने के लिए पाकिस्तान जाने से इंकार कर चुकी है। इसी बीच पूर्व क्रिकेटर और राजनेता कीर्ति आज़ाद (Kirti Azad) ने बयान दिया है कि खेल और आतंकवाद एक साथ नहीं रह सकते। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को भारतीय टीम को पाकिस्तान नहीं भेजने के अपने फैसले के बारे में सूचित किया, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच फिर से तनाव  शुरू हो गया है। 

 

आजाद ने बताया कि 1984 में मॉस्को में आयोजित ओलंपिक का संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में पूरे पश्चिमी गुट ने बहिष्कार किया था। वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि दोनों देशों को एक-दूसरे के खिलाफ खेलने के लिए भारत को पाकिस्तान की यात्रा के लिए तैयार रहना चाहिए। पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने अपने बयानों में इस बात पर जोर दिया कि अगर पाकिस्तान टीम भारत जाकर खेल सकती है तो भारतीय टीम को भी पाकिस्तान आना चाहिए।

 

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आजाद ने आतंकवाद के खिलाफ एक दृढ़ नीति बनाए रखने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की, और इस बात पर जोर दिया कि जब तक आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तानी सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक खेल के माध्यम से संबंधों को सामान्य बनाने का कोई भी प्रयास अनुचित होगा। उन्होंने कहा कि खेल दुनिया को कड़ा संदेश देने का माध्यम हो सकता है। अगर कहीं मानवता के खिलाफ कुछ हो रहा है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत ने पाकिस्तान से पनपने वाले आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और इसे लेकर काफी गंभीर है। यह नीति है। इसे सख्ती से बरकरार रखा जाएगा और यदि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इसमें शामिल नहीं होने का फैसला करता है तो यह इन परिस्थितियों के कारण है।


आजाद ने अंत में कहा कि एक बार स्थिति में सुधार हो जाए और पाकिस्तान भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवाद को रोक दे, तो खेल संबंधों को फिर से शुरू करने में कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन जब तक आईएसआई जैसी संस्थाओं से प्रभावित उनकी सरकार आतंकवाद को रोकने के लिए वास्तविक कदम नहीं उठाती, तब तक निर्णय अटल रहेगा।