स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के उस फैसले का समर्थन किया जिसमें उन्होंने चौथे टेस्ट में मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में अनिवार्य ओवरों से पहले मैच ड्रा करने के प्रस्ताव जो बेन स्टोक्स ने दिया था उस को स्वीकार नहीं किया। स्टोक्स अनिवार्य ओवरों से पहले मैच ड्रा करना चाहते थे, लेकिन जडेजा ने एसा करने से मना किया और कहा कि यह मेरे हाथ में नहीं है, मैच में बचे हुए ओवर वो खेलना चाहेंगे।
यह घटना मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट मैच के पाँचवें दिन हुई जब रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की साझेदारी ने इंग्लैंड की मैच जीतने की संभावना को खत्म कर दिया। बेन स्टोक्स ने भारतीय बल्लेबाजो को आखिरी घंटे का खेल शुरू होने से पहले ड्रॉ का प्रस्ताव दिया। लेकिन जडेजा और वाशिंगटन के 89 और 80 रन पर बल्लेबाजी करने के बाद भारतीय बल्लेबाजो ने स्टोक्स का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया और बल्लेबाजी जारी रखने का फैसला किया। एक प्रावधान है जिसके तहत अगर दोनों कप्तानों को लगता है कि परिणाम की संभावना असंभव है, तो वे हाथ मिलाकर ड्रॉ पर सहमत हो सकते है।
इस पर शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा, 'यह मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर निर्भर था, 90 के स्कोर में, उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की,वे शतकों के हकदार थे।'
मैच दौरान स्टोक्स ने कुछ शब्द कहे, जब जैक क्रॉली और बेन डकेट भी यह पूछते देखे गए कि भारत आगे क्यों खेलना चाहता है। 'क्या आप हैरी ब्रुक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं?' स्टोक्स ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा और जडेजा ने बस इतना कहा, 'मैं कुछ नहीं कर सकता।'
इसके बाद जडेजा ने अपनी शालीनता बरकरार रखी और उन्हें जवाब दिया। क्योंकि नियमों के अनुसार भारत को बल्लेबाजी जारी रखने का पूरा अधिकार था। जवाब में ऐसा लगा जैसे इंग्लैंड किसी तरह का विरोध कर रहा हो, क्योंकि स्टोक्स ने हैरी ब्रुक को आक्रमण पर लगाया और जडेजा ने उन पर छक्का लगाकर अपना तीसरा टेस्ट शतक पूरा किया।