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चेम्सफोर्ड : इंग्लैंड अंडर-19 और भारत अंडर-19 के बीच चेम्सफोडर् में खेला गया दूसरा यूथ टेस्ट मैच ड्रॉ हो गया। बेन डॉकिन्स ने शतक लगाया और एडम थॉमस के साथ 188 रन की ओपनिंग साझेदारी की। इंग्लैंड ने मध्यक्रम के आक्रामक प्रदर्शन के दम पर 5 विकेट पर 324 रन बनाकर पारी घोषित कर एक असंभव जीत की उम्मीद जगाई। लेकिन आयुष म्हात्रे के शतक ने वह उम्मीद खत्म कर दी। 

मैच में इंग्लिश स्पिनर राल्फी अल्बर्ट ने 10 विकेट लिए और दो मैचों की सीरीज बराबरी पर समाप्त हुई। पिच से गेंदबाजों को मदद न मिलने के कारण इंग्लैंड के ओपनरों ने वहीं से शुरुआत की, जहां उन्होंने पिछली पारी में छोड़ी थी। डॉकिन्स ने दिन के चौथे ओवर में फ्लिक पर दो रन लेकर अर्धशतक पूरा किया। थॉमस ने 91 रन बनाकर डॉकिन्स का अच्छा साथ दिया और पहले घंटे में ही इंग्लैंड ने 200 रन की बढ़त ले ली, जबकि भारतीय गेंदबाज संघर्ष करते रहे। भारत के पास एक मौका था, जब दोनों ओपनर नर्वस नाइंटीज में थे, लेकिन कवर की ओर तेज सिंगल लेते समय डॉकिन्स रन आउट से बच गए। 

लंच से पहले आदित्य रावत ने ब्रेकथ्रू दिलाया, जब थॉमस कैच एंड बोल्ड होकर शतक से चूक गए। डॉकिन्स ने लंच से पहले कवर ड्राइव से चौका लगाकर शानदार शतक पूरा किया, हालांकि पिछली ही गेंद पर वही शॉट खेलते हुए वह लगभग आउट हो गए थे। बेन मेज ने आक्रामक रुख अपनाया लेकिन रावत ने उन्हें सिर्फ 11 रन पर आउट कर दिया, जब एक लीडिंग एज सीधा हेनिल पटेल के हाथों में गया। जैसे-जैसे इंग्लैंड की बढ़त 250 पार हुई, डॉकिन्स और थॉमस रियू ने आक्रामक खेल दिखाया, लेकिन रावत ने कप्तान रियू को 19 रन पर बोल्ड कर दिया। 

रनों के साथ-साथ विकेट भी गिरते रहे। डॉकिन्स और रॉकी फ्लिंटॉफ ने बाउंड्री की झड़ी लगाई लेकिन दोनों डीप में कैच आउट हो गए। इसके बाद आर्यन सावंत और एकांश सिंह ने भी कुछ छक्के लगाए। इंग्लैंड ने 5 विकेट पर 324 रन बनाकर पारी घोषित की और भारत को 65 ओवर में 355 रन का लक्ष्य दिया। इंग्लैंड को पहली ही गेंद पर सफलता मिली जब एलेक्स ग्रीन की गेंद पर 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी बोल्ड हो गए, जिससे जीत की उम्मीद जगी। लेकिन भारत ने जल्द ही ये उम्मीदें खत्म कर दीं। जहां विहान मल्होत्रा टिके रहे, वहीं म्हात्रे ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए सिफर् 25 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया। 

जब म्हात्रे 54 रन पर थे, तब लॉन्ग ऑन पर अल्बर्ट ने उनका कैच छोड़ दिया, जो निर्णायक साबित हो सकता था। इस समय तक आसमान में बादल छा रहे थे और फ्लड लाइट जल चुकी थीं। अल्बर्ट ने मल्होत्रा को आउट कर उस चूक की भरपाई की, जिससे भारत का स्कोर दो विकेट पर 100 रन हो गया। भारत को भी थोड़ी जीत की उम्मीद हुई जब अभिज्ञान कुंडू ने ब्रेक के बाद पहली ही दो गेंदों पर दो छक्के लगाए और रन रेट के अनुसार आगे बने रहे। म्हात्रे ने भी लय बनाए रखी और अपने पहले जीवनदान का फायदा उठाते हुए सिर्फ 64 गेंदों में शानदार शतक पूरा किया। 

कुंडू भी तेजी से खेलते रहे और चौका लगाकर अर्धशतक पूरा किया। उनका स्ट्राइक रेट 150 से ऊपर रहा। आखिरकार म्हात्रे 126 रन पर लॉन्ग ऑन पर कैच हो गए। इसके बाद कुंडू स्लिप में कैच हो गए और राहुल कुमार ने गेंद सीधे मेज को थमा दी, जिससे इंग्लैंड को फिर से वापसी का मौका मिला। हालांकि भारत के निचले क्रम ने धैर्य दिखाया और जब हल्की बूंदाबांदी के कारण खेल रुका तो अंपायरों ने मैच को ड्रॉ घोषित कर दिया।