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स्पोर्ट्स डेस्क: एशियन क्रिकेट काउंसिल द्वारा 2 सितंबर से 17 सितंबर तक आयोजित किए जाने वाले एशिया कप जिसकी मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है और इसका विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आपको बता दें की एसीसी अध्यक्ष जय शाह ने पाकिस्तान के बिना इस टूर्नामेंट को करवाने का प्लान बनाया है। शाह ने पाकिस्तान के हाइब्रिड मॉडल  को अपनाने से इंकार कर दिया है। इससे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है और उसके पास मेजबानी गंवाने या टूर्नामेंट से बाहर होने का ऑपशन नहीं बचा है।

वहीं एशिया क्रिकेट काउंसिल ने इस टूर्नामेंट का आयोजन श्रीलंका में करवाने का फैसला लिया है और इसकी तैयारी भी शूरु कर ली है। अगर पाकिस्तान को एशिया कप में हिस्सा लेना है तो उसे श्रीलंका में ही खेलना होगा। अगर पाकिस्तान इस विकल्प को स्वीकार करने से मना करता है तो उसे एशिया कप से बाहर ही रहना होगा। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार आईपीएल फाइनल के दौरान हुई बैठक में एशिया कप की बाकी टीमें पाकिस्तान के बिना खेलने को तैयार हैं। 

एसे हुआ पूरा विवाद
इस साल एशिया कप की मेजबानी का अधिकार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पास है। आपको बता दें की पाकिस्तान के साथ भारत के सुरक्षा सम्बंध सही नहीं हाने की वजह से बीसीसीआई ने अपनी टीम को भेजने से इंकार दिया है। जिसके बाद पीसीबी अध्यक्ष नजीम सेठी ने हाईब्रीड मॉडल भी सुझाया जिसमे कहा गया था, भारतीय टीम अपने सारे मैच पाकिस्तान से बाहर खेलेगी। लेकिन इसे स्वीकार करने से बीसीसीआई ने मना कर दिया है। जिसके बाद श्रीलंका ने मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। इसका आखिरी फैसला एसीसी की बैठक में लिया जाएगा।