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चेन्नई : अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लगता है कि बांग्लादेश के खिलाफ मौजूदा टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान के गुलबदीन नायब का मैदान पर नाटकीय चोट का दिखावा जायज था क्योंकि यह उनकी टीम के लिए ‘करो या मरो' के जरूरी सुपर आठ मैच में हुआ। नायब स्लिप कॉर्डन में क्षेत्ररक्षण कर रहे थे और 12वें ओवर में अपनी जांघ को पकड़ते हुए पीठ के बल गिर पड़े। उसी समय कोच जोनाथन ट्रॉट ने बारिश के कारण खेल को धीमा करने का संकेत किया था। 

अश्विन ने कहा, ‘जोनाथन ट्रॉट ड्रेसिंग रूम से खेल की गति धीमी करने का इशारा कर रहे थे और इसके बाद नायब मैदान पर ऐसे गिर गए जैसे टूटे हुए पेड़ की शाखा। हर कोई कह रहा है कि उन्हें इसके लिए सजा दी जाएगी। लेकिन समस्या क्या है? वह अपने देश के लिए खेल रहा है और ‘करो या मरो' विश्व कप क्वालीफायर जीतने की कोशिश कर रहा है।' 

आईसीसी की खेलने के नियमों के अनुसार, ‘जानबूझकर या बार-बार समय बर्बाद करने की रणनीति के लिए खिलाड़ी पर दो मैचों का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। लेकिन इस मामले में मैच रेफरी के पहली और अंतिम चेतावनी के कारण नायब बच सकते हैं।' 

इससे पहले अश्विन ने अपने ‘एक्स' अकाउंट पर मजाक में कहा था, ‘गुलबदीन नायब के लिए लाल कार्ड।' नायब ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भारतीय ऑफ स्पिनर को जवाब दिया, ‘कभी खुशी कभी गम में होता है। हैमस्ट्रिंग।' अश्विन ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान को गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने सेमीफाइनल में शुरू में टिके रहने की कोशिश करनी चाहिए।