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नई दिल्ली : पूर्व घरेलू दिग्गज अमोल मजूमदार का क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को प्रभावित करने के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम का मुख्य कोच बनना लगभग तय हो गया है। मजूमदार ने सोमवार को मुंबई में चयनित उम्मीदवारों के साक्षात्कार के दौरान अशोक मल्होत्रा, जतिन परांजपे और सुलक्षणा नाइक की सीएसी को अपनी 90 मिनट की प्रस्तुति से सबसे ज्यादा प्रभावित किया। टीम के कोच के लिए जिन अन्य लोगों ने साक्षात्कार दिया था उसमें डरहम के पूर्व कोच जॉन लुईस और तुषार आरोठे शामिल थे। आरोठे 2018 में इस्तीफा देने से पहले भी भारत के मुख्य कोच के रूप में काम कर चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में रमेश पोवार को बर्खास्त किए जाने के बाद से भारतीय महिला टीम बिना मुख्य कोच के है। 

अमोल की प्रस्तुति सर्वश्रेष्ठ रही

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘ सीएसी अमोल की प्रस्तुति से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। वह महिला टीम की योजना को लेकर स्पष्ठ है। अन्य प्रस्तुतियां भी अच्छी थी लेकिन अमोल की प्रस्तुति सर्वश्रेष्ठ रही। उम्मीद है कि इस काम के लिए उनके नाम का ही अनुमोदन होगा।'' मजूमदार हाल ही में मुंबई रणजी टीम के मुख्य कोच थे। वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स और दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम के साथ भी काम कर चुके हैं। वह व्यक्तिगत रूप से साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने वाले इकलौते उम्मीदवार थे। मजूमदार को नौ जुलाई से शुरू होने वाली बांग्लादेश दौरे से पहले टीम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। भारतीय टीम इस दौरे पर मीरपुर में तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय और इतने ही वनडे मैचों की श्रृंखला खेलेगी।   

भारतीय टीम पिछले पांच वर्षों में बड़े टूर्नामेंटों के अहम मुकाबलों में अच्छी स्थिति में होने के बाद भी जीतने में नाकाम रही है। टीम ने अभी तक आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) का कोई खिताब नहीं जीता है। मजूमदार को दो साल का अनुबंध मिलने की संभावना है। उनसे उम्मीद की जाएगी कि वह अगले साल सितंबर-अक्टूबर में बांग्लादेश में होने वाले टी20 विश्व कप में भारत को पहली बार आईसीसी खिताब दिलाने में अपनी भूमिका निभाये। भारतीय टीम इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में बेहतर स्थिति में होने के बाद भी दबाव के क्षणों में बिखर गयी थी। टीम के नये मुख्य कोच का ध्यान खिलाड़ियों की मानसिक मजबूती पर काम करने के अलावा उनकी शारीरिक फिटनेस में सुधार करना होगा। 

फिटनेस में सुधार एक बड़ा मुद्दा

बीसीसीआई के सूत्र ने कहा, ‘‘ महिला टीम के लिए फिटनेस में सुधार एक बड़ा मुद्दा है। राष्ट्रीय टीम के कुछ खिलाड़ियों को फिटनेस में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। मजूमदार ने सहयोगी सदस्यों की जरूरत और भूमिका के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने टीम के लिए मानसिक ट्रेनर की जरूरत पर भी बल दिया।'' बोर्ड के इस अधिकारी ने कहा, ‘‘ मजूमदार इस बात से वाकिफ है कि टीम को अगले स्तर पर ले जाने के लिए क्या करना होगा।'' मजूमदार के लिए हालांकि अच्छी बात यह है कि आईसीसी की महिलाओं से जुड़ी दो बड़ी प्रतियोगिताएं उपमहाद्वीप (बांग्लादेश और भारत) में है। भारत सितंबर 2025 में महिला एकदिवसीय विश्व कप की मेजबानी करेगा। बोर्ड के इस सूत्र ने कहा, ‘‘ भारतीय कोच के होने से खिलाड़ियों को संवाद की कोई समस्या नहीं होगी। उनके पास उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में खेलने का अपार अनुभव भी है।'' मजूमदार ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 11,167 रन बनाये है लेकिन कभी भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके।