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कोयंबटूर : अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में डिंडीगुल ड्रैगन्स और आईड्रीम तिरुप्पुर तमिलियंस के बीच मैच के दौरान विवादास्पद तरीके से आउट होने के बाद मैदान पर अचानक गुस्से में आ गए। ड्रैगन्स की अगुआई कर रहे अश्विन पारी की शुरुआत करने आए और पांचवें ओवर में बाएं हाथ के स्पिनर आर साई किशोर की गेंद पर पगबाधा आउट करार दिए गए। 

अश्विन ने अपनी शुरुआती 10 गेंद पर दो चौके और एक छक्के की मदद से 18 रन बनाए। हालांकि अश्विन ने पांचवें ओवर की पांचवीं गेंद को पैडल स्वीप खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद उनके पैड पर लगी। अंपायर वेंकटेशन कृतिका ने गेंदबाज की अपील पर अपनी उंगली उठाई क्योंकि अश्विन तेजी से एक लेने के लिए दौड़ रहे थे। रीप्ले से यह स्पष्ट था कि गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई थी। 

अश्विन DRS नहीं ले सके क्योंकि उन्होंने और उनके सलामी जोड़ीदार शिवम सिंह (27 गेंद पर 30 रन) ने लेग साइड की वाइड गेंद (टीएनपीएल में नया नियम लागू) को लेकर पहले ओवर में ही रेफरल का अपना कोटा खत्म कर दिया था इसलिए जब कोई रेफरल नहीं बचा तो अश्विन के पास वापस जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज अश्विन काफी गुस्से में नजर आए और वह कृतिका से फैसले के बारे में पूछते हुए देखे गए। 

अंपायर कृतिका ने पहले तो उन्हें देखा लेकिन बाद में अपने फैसले को सही ठहराने के लिए मुड़ीं। अश्विन स्पष्ट रूप से नाराज थे और मैदान छोड़ते समय उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि आसपास के सभी लोग जान जाए कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं। वापस लौटते समय उन्होंने पहले बल्ले को अपने लेग गार्ड पर मारा और फिर जब वह सीमा रेखा के पास पहुंचे तो उन्होंने अपने दस्ताने खोले और उन्हें गुस्से में फेंक दिया। 

अश्विन की टीम 9 विकेट के बड़े अंतर से मैच हार गई। हालांकि अश्विन का गुस्सा मैदान पर खराब फैसले के कारण था लेकिन उनका व्यवहार सर्वकालिक महानतम ऑफ स्पिनरों में से एक के लिए अनुचित था। टीएनपीएल ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि मैच रेफरी अर्जन कृपाल सिंह की रिपोर्ट में क्या होगा।