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हरारे : युवा प्रतिभाओं से भरपूर भारतीय टीम गुरुवार को एक ऐसी जिम्बाब्वे से मुकाबला करने उतरेगी जिसने पिछले कुछ समय में अपेक्षाओं के विपरीत शानदार प्रदर्शन किया है। जिम्बाब्वे एक कमजोर टीम मानी जाती है, लेकिन इस साल उसने 2016 के बाद पहली बार टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया और फिर बांग्लादेश को टी20 (2-1) और एकदिवसीय श्रृंखला (2-1) में पटखनी दी। 

बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई श्रृंखला में जिम्बाब्वे को सिकंदर रजा और रायन बर्ल जैसे कई मैचविनर मिले। रजा ने इस साल खेले गए नौ एकदिवसीय मुकाबलों में दो शतक और दो अर्द्धशतक बनाए हैं। दूसरी ओर, भारतीय टीम में केएल राहुल लंबे समय बाद वापसी कर रहे हैं और एशिया कप की तैयारी के मद्देनजर यह शृंखला उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वह आखिरी बार मई 2022 में हुए आईपीएल एलिमिनेटर के लिये मैदान पर उतरे थे। शुभमन गिल और शिखर धवन वेस्ट इंडीज दौरे पर शानदार प्रदर्शन करते हुए जिम्बाब्वे आ रहे हैं जहां वे अपनी फॉर्म को बरकरार रखना चाहेंगे। 

भारत अब पूरी तरह से अक्टूबर में होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारी में जुट गया है, जो उनके टीम चयन में भी साफ जाहिर है। जिम्बाब्वे में होने वाली तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के लिए भी टीम में कई युवा टी20 विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में जगह बनाने के लिए अपनी दावेदारी पेश करना चाहेंगे। 

इन खिलाड़ियों में सबसे पहला नाम दीपक चहर का है जो राहुल की तरह ही चोटिल होकर टीम से बाहर थे। राहुल त्रिपाठी और शाहबाज अहमद भी इस शृंखला में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण कर सकते हैं। दोनों ही खिलाड़ी आईपीएल में अपना लोहा मनवा चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मिले अवसर को पूरी तरह भुनाना चाहेंगे। सीरीज के तीनों मैच हरारे की पिच पर खेले जाएंगे जो बल्लेबाजों की हितैषी मानी जाती है। 

भारत ने 2013 से इस मैदान में नौ मैच खेले हैं और सभी में जीत दर्ज की है, हालांकि जिम्बाब्वे को इस बार कम आंकना सही नहीं होगा और धवन भी इस बात को स्वीकार चुके हैं। उपकप्तान धवन ने मंगलवार की संवाददाता सम्मेलन में कहा था, 'उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल की है। वे अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं और यह हमारे लिये अच्छी बात है। हम किसी भी चीज़ को हल्के में नहीं ले सकते।'