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जालन्धर : भारत को 2011 का वल्र्ड कप दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह को क्रिकेट के मैदान से बाहर समाज सेवा के लिए बड़ा सम्मान मिला है। दरअसल कैंसर से जंग लडऩे के बाद युवराज ने ‘यूवीकेन’ नामक संस्था शुरू की गई थी। इसके तहत उन्होंने विभिन्न सामाजिक काम किए थे जिन्हें लेकर अब उन्हें दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (डीपीआईएफएफ) द्वारा सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए सामाजिक कल्याण के लिए वर्ष का सबसे ‘प्रेरक प्रतीक’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

आईपीएल में हालांकि युवराज सिंह को खेलने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले। लेकिन जितने भी मिले उन्हें भुनाने में वह सफल नहीं हो पाए। आठ मैचों में वह दस की औसत से सिर्फ 65 रन ही बना पाए। बीच में तो कुछ ऐसे मौके पर भी आए जब उन्हें अंतिम एकादश में भी नहीं चुना गया। बावजूद इसके वह अपनी टीम के स्पोर्ट के लिए हमेशा तैयार दिखे।

हालांकि आईपीएल शुरू होने से पहले ही युवराज को लेकर आई कुछ खबरें राहत वाली नहीं थी। आईपीएल ऑक्शन में वह अपने बेस प्राइज यानी कि महज 2 करोड़ रुपए में किंग्स इलैवन पंजाब की ओर से खरीद लिए गए। युवराज इतने सस्ते में बिक जाएंगे, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। क्योंकि आईपीएल के शुरुआती सीजन में युवराज की 14 करोड़ तक बोली लगी थी। ऐसे में जैसे-जैसे आईपीएल के सीजन बदलते गए, उनकी वैल्यू कम होती गई।