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स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफ़राज अहमद को ओल्ड ट्रैफ़र्ड में खेले जा रहे इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन 12वें व्यक्ति के रूप में ड्यूटी करते हुए देखा गया। इस दौरान वह साथी खिलाड़ियों पानी पिलाते और जूते उठाते नजर आए। ये बात पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को नागवारा गुजरी और टीम प्रबंधन पर भड़क उठे। अख्तर ने कहा, आपने सरफराज को जूते उठाने के लिए रखा है। 

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आप उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते : अख्तर 

अख्तर ने कहा, मुझे ये पसंद नहीं आया। अगर आप कराची के किसी लड़के का उदाहरण बनाना चाहते हैं तो यह गलत है। जिस खिलाड़ी ने 4 साल तक पाकिस्तान का नेतृत्व किया हो और देश के लिए चैंपियंस ट्रॉफी जीती हो आप उसके साथ ऐसा नहीं कर सकते, तुमने उसे जूते ले जाने के लिए रखा है। अगर उसने खुद ऐसा किया है तो उसे रोकें। वसीम अकरम मेरे लिए कभी भी जूते नहीं लाए थे। 

रावलपिंडी एक्सप्रेस ने कहा, इससे पता चलता है कि सरफराज़ कितना शांत और कमजोर है। उसने उसी तरह से पाकिस्तान का नेतृत्व किया होगा जैसे उसने जूते उठाए थे। यही कारण है कि (पूर्व कोच) मिकी आर्थर हमेशा उन पर हावी रहे। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जूते ले जाना एक समस्या है, लेकिन पूर्व कप्तान ऐसा नहीं कर सकते।

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मुख्य कोच और चयनकर्ता ने कही ये बात

मुख्य कोच और मुख्य चयनकर्ता मिस्बाह-उल-हक ने भी इस विवाद पर ध्यान दिया और कहा, इस प्रकार की चर्चा केवल पाकिस्तान में हो सकती है। मिसबाह ने दिन का खेल खत्म होने के बाद एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा, मैंने 12वें व्यक्ति का कर्तव्य भी निभाया, जब मैं कप्तान था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में बाहर बैठा था। ऐसा करने में कोई शर्म नहीं है। 

मिस्बाह ने कहा, सरफराज एक बेहतरीन इंसान और खिलाड़ी हैं। वह जानता है कि यह एक टीम गेम है। जब अन्य खिलाड़ी बाहर अभ्यास कर रहे होते हैं, तो जो खिलाड़ी उपलब्ध होता है उसे मदद करनी होती है। उन्होंने आगे कहा, यह असम्मान की बात नहीं है। वास्तव में, यह बड़ी बात है कि सरफराज को ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही, यह एक अच्छी टीम का संकेत भी है।