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नई दिल्ली: पहलवान रविंदर कुमार पर डोप परीक्षण में नाकाम रहने के कारण शुक्रवार को चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया लेकिन इस पूरे मामले में उस वक्त भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जब नाडा ने उसे विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता बताया, जबकि ऐसा नहीं था। नाडा के सोशल मीडिया पेज में कहा गया कि डोपिंग में नाकाम रहने वाले पहलवान ने पिछले वर्ष अंडर23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है, लेकिन बाद में यह जानकारी गलत पाई गई क्योंकि रविंदर ने ऐसा कोई पदक नहीं जीता है।

दरअसल, पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में रविंदर दहिया ने रजत पदक जीता था। रविंदर दहिया ने कहा कि नाडा ने उनका परीक्षण नहीं किया है। यह भ्रम एक जैसे नाम की वजह से फैला। रविंदर दहिया ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘मैं वो रविंदर नहीं हूं जिसकर जिक्र नाडा कर रहा है। नाडा ने मेरा परीक्षण नहीं किया है। मैंने वायु सेना में काम किया है पुलिस के साथ नहीं।' रविंदर का नमूना पिछले साल फरवरी मार्च में जयपुर में 67वीं अखिल भारतीय पुलिस कुश्ती चैंपियनशिप के दौरान लिया गया था। नाडा ने उन्हें पिछले साल 14 मई को अस्थायी रूप से निलंबित किया था।