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नई दिल्ली: विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप की स्वर्ण विजेता धावक सिमरन शर्मा के पदक खतरे में हैं। कारण उनके गाइड उमर सैफी का डोप परीक्षण में असफल होना है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने सैफी को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

सैफी पिछले सात महीनों से दृष्टिबाधित सिमरन के गाइड हैं। उनके डोप टेस्ट में ड्रोस्टैनोलोन पाया गया, जो एक प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेरॉयड है और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने में मदद करता है।

सिमरन ने 7 सितंबर को दिल्ली स्टेट ओपन में 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था, जहां उनका यह डोप टेस्ट किया गया था। सैफी का नाम शुक्रवार को नाडा द्वारा जारी अस्थायी निलंबित खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया गया। वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं और ‘बी’ नमूना परीक्षण की मांग कर सकते हैं।

सिमरन ने इस साल भारत में आयोजित पहली बार विश्व चैंपियनशिप में 100 मीटर टी12 में स्वर्ण और 200 मीटर में रजत पदक भी जीता था। 100 मीटर का यह स्वर्ण उनका लगातार दूसरा विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण है।

अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियमों के अनुसार, यदि सैफी अपनी बेगुनाही साबित करने में विफल रहते हैं, तो सिमरन अपने पदक खो सकती हैं। भारतीय पैरा एथलेटिक्स के चेयरमैन सत्यनारायण ने कहा, "गाइड भी प्रतियोगिता का हिस्सा होते हैं और उन्हें भी पदक मिलता है। यदि गाइड डोपिंग में दोषी पाया गया तो एथलीट को भी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।"

पिछले साल पेरिस पैरालंपिक में सिमरन ने कांस्य पदक जीता था, उस समय उनके गाइड अभय सिंह थे। नाडा की अपडेटेड सूची में 30 नए नाम शामिल किए गए हैं, जिनमें पहलवान रीतिका हुड्डा और धावक एस धनलक्ष्मी भी शामिल हैं। इस सूची में 5 नाबालिग खिलाड़ी भी हैं, जो चिंता का विषय हैं।