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स्पोर्ट्स डेस्क: भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत की बल्लेबाजी की विफलता के बाद अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को गलत तरीके से निशाना बनाया गया और उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए बाहर कर दिया गया।

गावस्कर ने वेस्टइंडिज के खिलाफ 2 टेस्ट मैच में पुजारा को भारतीय टीम में जगह नहीं देने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "उन्हें क्यों हटा दिया गया है? उन्हें हमारी बल्लेबाजी विफलताओं के लिए बलि का बकरा क्यों बनाया गया है। वह भारतीय क्रिकेट के एक वफादार सेवक रहे हैं। एक वफादार और शांत सेवक। एक वफादार और शांत उपलब्धि हासिल करने वाला। लेकिन क्योंकि उनके लाखों फोलओर्स नहीं हैं, जो शोर मचाएंगे कि आपने उन्हें क्यों ड्रोप कर दिया, तो इसका जे मतलब नहीं कि आप उसे ड्रोप कर दीजिए।"

गावस्कर ने कहा, "यह समझ से परे की बात है। उन्हें बाहर करने और फेल होने वाले अन्य लोगों को रखने का मानदंड क्या है? मुझे नहीं पता क्योंकि आजकल, चयन समिति के अध्यक्ष के साथ कोई मीडिया बातचीत नहीं होती है।"

गावस्कर का मानना है कि पुजारा को सिर्फ उनकी उम्र की वजह से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "वह देशी क्रिकेट खेल रहे हैं। इसलिए, उन्होंने काफी रेड-बॉल क्रिकेट खेला है और वह जानते हैं कि यह किस बारे में है।"

उन्होंने कहा, "आज लोग 39-40 साल की उम्र तक खेल सकते हैं और जब तक आप रन बना रहे हैं, तब तक खेल सकते हैं।मुझे नहीं लगता कि उम्र कोई कारक होनी चाहिए। अजिंक्य रहाणे के अलावा, बल्लेबाजी पूरी तरह से विफल रही। पुजारा को कमजोर खिलाड़ी क्यों बनाया गया, यह चयनकर्ताओं को बताना होगा।"