नागपुर : घरेलू क्रिकेट के मौजूदा सत्र में नौवां शतक जड़ने के बाद विदर्भ के बल्लेबाजी के मुख्य स्तंभ करुण नायर ने शनिवार को भारतीय टीम में अपनी वापसी से जुड़े सवाल पर गेंद चयनकर्ताओं के पाले में डालते हुए कहा कि मैं यह सवाल पूछने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं।' नायर ने केरल के खिलाफ नाबाद 132 रनों की पारी खेली, जिससे विदर्भ को रणजी ट्रॉफी फाइनल के चौथे दिन अपनी दूसरी पारी में चार विकेट पर 249 रन बनाकर अपनी कुल बढ़त 286 रनों तक पहुंचा ली। नायर का यह मौजूदा रणजी सत्र में चौथा शतक है। उन्होंने अब तक 57.33 की औसत से 860 रन बनाए है। टेस्ट क्रिकेट भारत के लिए तिहरा शतक जड़ने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय नायर ने इससे पहले 50 ओवर के विजय हजारे ट्रॉफी में भी शानदार लय में थे। उन्होंने इस शीर्ष घरेलू एकदिवसीय टूर्नामेंट के नौ मैचों में पांच शतक और एक अर्धशतक की मदद से 389.50 की औसत से 779 रन बनाये थे।
रणजी ट्रॉफी फाइनल के चौथे दिन के खेल के बाद नायर से जब भारतीय टीम में वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं यह पूछने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं। मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। मुझे बस इतना कहना है कि मुझे जो भी मौका मिल रहा है उसमें मुझे अच्छा प्रदर्शन करते रहना है। मुझे अपना काम सर्वश्रेष्ठ तरीके से करना है। नायर ने शतक लगाने के बाद ड्रेसिंग रूप की तरफ हाथों से नौ अंक का इशारा किया जो इस सत्र में उनके नौ शतक का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वह किसी को कोई संदेश देने की कोशिश नहीं कर रहे थे और उनका यह इशारा ड्रेसिंग रूम में विदर्भ के सहायक कर्मियों के लिए था।
भारत के लिए छह टेस्ट और दो एकदिवसीय खेल चुके नायर ने कहा कि मैं इस मैच से पहले इस बारे में बात कर रहा था कि मेरे नाम आठ (शतक) हैं, अगर मैं एक और बनाऊंगा तो मैं नौ अंक का इशारा करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं बस हमारे कुछ साइडआर्म थ्रोअर में शामिल यश थोराट से बात कर रहा था, जो हमेशा बल्लेबाजी और हर चीज में हमारी मदद करते हैं। मैंने उससे कहा कि अगर मैं शतक बनाऊंगा, तो मैं उसे नौ दिखाऊंगा।
नायर से जब दोबारा पूछा गया कि क्या यह इशारा केवल विदर्भ सपोर्ट स्टाफ के लिए था, उन्होंने चुटिले अंदाज में कहा कि आप इसका जो चाहे वह मायने निकाल सकते हैं। नायर ने कहा कि विदर्भ मैच के आखिरी दिन लंबे समय तक बल्लेबाजी करना चाहेगा। विदर्भ ने पहली पारी में 37 रन की बढ़त हासिल की है और इस मुकाबले के ड्रॉ छूटने पर भी वह तीसरी बार रणजी ट्रॉफी फाइनल का खिताब जीत लेगा।