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स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान के ऑलराउंडर इफ्तिखार अहमद ने खिलाड़ियों की 'बिरयानी खाने' की आदत पर विशेष ध्यान देने के साथ चल रहे विश्व कप में टीम की आलोचना पर टिप्पणी की है। इफ्तिखार ने कहा कि कोई भी यह नहीं कहता कि खिलाड़ी जीतने पर बिरयानी खा रहे हैं, यह बात तभी सामने आती है जब हम हारने लगते हैं। हाल ही में अफगानिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान की हार पर वसीम अकरम ने टीम की आलोचना करते हुए कहा था कि टीम दिन में 8 किलो गोश्त खा रही है। कोई फिटनेस टेस्ट भी तो होने चाहिए। 

इफ्तिखार ने कहा, 'जब हम हार रहे होते हैं तो सब कहते हैं कि टीम में कोई अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे रहा है, लेकिन जब टीम जीत रही होती है तो कोई नहीं कहता कि हम बिरयानी खा रहे हैं, कृपया मुझे बताएं कि ऐसा क्यों है। अगर कोई बिरयानी खा रहा है या कर रहा है कुछ ऐसा जो देश के नाम को नुकसान पहुंचाता है, तो हम उसके खिलाफ हैं।' 

पाकिस्तान के क्वालीफिकेशन पर आगे बोलते हुए इफ्तिखार ने कहा कि टीम अच्छी तरह से जानती है कि उन्हें अपना नेट रन रेट (एनआरआर) बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि हमें अपना नेट रन रेट (एनआरआर) बनाए रखना होगा। हम पहले (ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ) बेंगलुरु में खेल चुके हैं इसलिए हम परिस्थितियों से अवगत हैं। भारतीय परिस्थितियों में आपको शुरुआती दौर में तेजी से रन बनाने होते हैं। भारतीय विकेटों में गेंदबाजों के लिए कुछ खास नहीं है। हम पिच के हिसाब से अपनी फील्डिंग सेट करते हैं। अगर गेंद ज्यादा नहीं घूम रही है तो हम स्लिप लेते हैं।' 

पाकिस्तान सात मैचों में तीन जीत के साथ -0.024 के नेट रन रेट के साथ छह अंक लेकर अंक तालिका में छठे स्थान पर है। सेमीफाइनल की दौड़ में बने रहने के लिए बाबर आजम की टीम को न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ अपने बाकी दोनों मैच जीतने होंगे। 1992 के चैंपियन अपने शेष खेलों में जीत के साथ अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के परिणामों पर निर्भर हैं।