अमरोहा (उत्तर प्रदेश) : आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अचानक पहुंच गए थे। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया था। इस दौरान वह शमी को गले से लगाकर सांत्वना देते दिखे थे। इस पर मोहम्मद शमी ने भी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इस तरह के इशारों से खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिलता है और यह किसी भी खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण है।
शमी ने अमरोहा में मीडिया से कहा कि इस तरह के इशारे महत्वपूर्ण हैं (खिलाड़ियों से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी)। जब प्रधानमंत्री आपको प्रोत्साहित करते हैं, तो इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारा मनोबल गिरा हुआ था। यह वास्तव में कुछ अलग था। खिताबी मुकाबले में भारत की हार पर शमी ने स्वीकार किया कि टीम इंडिया के पास कौशल या आत्मविश्वास के मामले में किसी भी चीज की कमी नहीं थी, बस यह उनका दिन नहीं था।
शमी ने कहा कि कुल मिलाकर हम सभी ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। कौशल और आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं थी। मुझे लगता है कि कभी-कभी एक टीम के रूप में हम सभी के लिए एक बुरा दिन हो सकता है, जो कभी भी आ सकता है। वह दिन हमारा नहीं था। हमारे पास कार्यान्वयन में कमी थी। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था जिसके कारण हमारा मनोबल और आत्मविश्वास कम हुआ हो।
बता दें कि विश्व कप फाइनल के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में पीएम मोदी रोहित शर्मा का हौसला बढ़ाते दिखे थे। उन्होंने कहा कि देश उनके साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने टूर्नामेंट में कड़ी मेहनत की थी।
शमी विश्व कप में भारत के सबसे बड़े सितारों में से एक थे। उन्होंने 7 मैचों में 10.70 के औसत और 12.20 के स्ट्राइक रेट से 24 विकेट लिए। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आंकड़ा 7/57 था। उन्होंने टूर्नामेंट में तीन बार पांच विकेट लिए और गेंदबाजी के कई रिकॉर्ड तोड़े। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।