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नई दिल्ली : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के पूर्व मालिक विजय माल्या ने खुलासा किया कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बेंगलुरु फ्रेंचाइजी को खरीदने का फैसला क्यों किया। माल्या ने बताया कि उनका उद्देश्य क्रिकेट के प्रति जुनून नहीं, बल्कि अपनी व्हिस्की ब्रांड को प्रमोट करना था। राज शमानी के साथ हाल ही में एक पॉडकास्ट में माल्या ने यह सनसनीखेज खुलासा किया कि वह कई आईपीएल फ्रेंचाइजियों को खरीदना चाहते थे, लेकिन आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी ने उन्हें केवल एक फ्रेंचाइजी खरीदने की अनुमति दी।

 

माल्या ने बताया कि वह कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जब ललित मोदी ने बीसीसीआई को आईपीएल की अवधारणा प्रस्तुत की थी। इस प्रस्तुति से प्रभावित होकर माल्या ने तीन फ्रेंचाइजियों के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई, लेकिन उनकी पहली पसंद बेंगलुरु थी। उन्होंने कहा कि जब आईपीएल की शुरुआत हुई, तो उन्हें लगा कि यह उनकी व्हिस्की ब्रांड्स- किंगफिशर और रॉयल चैलेंज- को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने का सबसे अच्छा मंच है। माल्या दो फ्रेंचाइजियां खरीदना चाहते थे, ताकि दोनों ब्रांड्स को बढ़ावा मिले, लेकिन मोदी ने साफ मना कर दिया।

 

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पॉडकास्ट में माल्या ने कहा कि ललित मोदी बीसीसीआई को मनाने में जुटे थे, जो उस समय काफी नौकरशाही थी। एक दिन उन्होंने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मैं फ्रेंचाइजी खरीदना चाहता हूं। मैंने सोचा, भारत में जहां क्रिकेट एक धर्म है, वहां अपनी ब्रांड को प्रमोट करने का इससे बेहतर मंच नहीं हो सकता। मैं लालची हो गया और किंगफिशर व रॉयल चैलेंज के लिए 2 टीमें चाहता था, लेकिन मोदी ने कहा कि आप दो फ्रेंचाइजियां नहीं ले सकते।

 

माल्या ने बोली के दौरान मुंबई फ्रेंचाइजी को मामूली अंतर से खो दिया, लेकिन बेंगलुरु को हासिल कर लिया। उन्होंने तुरंत फ्रेंचाइजी का नाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु रखा, ताकि उनकी व्हिस्की ब्रांड रॉयल चैलेंज को बढ़ावा मिले। माल्या ने स्वीकार किया कि उनका मकसद पूरी तरह व्यवसायिक था, न कि क्रिकेट के प्रति जुनून। उन्होंने कहा कि मैं बोली के समय बहुत उत्साहित था। मैंने तीन फ्रेंचाइजियों के लिए बोली लगाई, लेकिन मुंबई को थोड़े से अंतर से खो दिया। मैंने बेंगलुरु चुना और इसका नाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु रखना स्वाभाविक था। इस तरह आरसीबी का जन्म हुआ। माल्या का यह खुलासा दर्शाता है कि आरसीबी को खरीदने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य ब्रांड प्रमोशन था, जिसने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया है।