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खेल डैस्क : विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान वीरवार को राजस्थान के बल्लेबाजों की आतिशी पारी देखने को मिली। कर्नाटक ने जब पहले खेलते हुए 8 विकेट खोकर 282 रन बनाए थे तो राजस्थान की 23 रन पर ही तीन विकेट गिर गई थी। लेकिन तब कप्तान दीपक हुड्डा ने एक छोर संभाला और 128 गेंदों पर 19 चौके और पांच छक्कों की मदद से 180 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। हुडा को करण लांबा का साथ मिला जिन्होंने 112 गेंदों पर 73 रन बनाए। राजस्थान इसी के साथ विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच गया है जहां 16 दिसंबर को उनकी भिड़ंत हरियाणा के साथ होगी।

 

 


मुकाबले की बात करें तो पहले खेलते हुए कर्नाटक की शुरूआत सधी हुई रही। समर्थ 21 गेंदों पर 8 तो कप्तान मयंक अग्रवाल 22 गेंदों पर 13 रन बनाकर चलते बने। निकिन जोस ने भी 21 रन बनाए। मध्यक्रम में श्रीजिथ के 37 तो मनीष पांडे के 28 रन पर आऊट होने के बाद अभिनव मनोहर ने पारी को संभाला। लय में नजर आ रहे मनोहर ने 80 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्कों की मदद से 91 रन बनाए जबकि उनके साथ मनोज ने 39 गेंदों पर तीन चौके और पांच गगनचुंबी छक्कों की मदद से 63 रन बनाकर टीम को 282 तक ला खड़ा किया। 

 

जवाब में खेलने उतरी राजस्थान की शुरूआत बेहद खराब रही। पहले छह ओवरों में ही लग रहा था कि राजस्थान यह मुकाबला गंवा लेगी क्योंकि अभिजीत तोमर 0, राम मोहन चौहान 0 तो महिपाल लोमरोर 14 रन बनाकर आऊट हो गए थे। लेकिन इसके बाद दीपक हुड्डा ने बड़े शॉट लगाने शुरू कर दिए। उनके साथी करण लांबा 112 गेंदों पर 73 रन बनाकर उनका साथ देते गए। हुड्डा ने ऐसी चमक बिखेरी की उनकी टीम 44वें ओवर में ही 283 रन बनाकर 6 विकेट से जीत गई।