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नई दिल्ली : भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी और महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार को सीने में तकलीफ के कारण यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा लेकिन अब उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं। उनके परिवार के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अशोक कुमार (74 वर्ष) की सोमवार को एंजियोप्लास्टी होगी। 

परिवार के सूत्रों ने बताया, ‘उन्हें (अशोक कुमार को) कल (रविवार) शाम सीने में तकलीफ महसूस हुई। इसके बाद उन्हें एस्कॉर्ट्स अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी एंजियोग्राफी की गई। एंजियोग्राफी के नतीजों से पता चला कि कुछ ब्लॉकेज हैं। डॉक्टर आज स्टेंट लगाएंगे। वह खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर है।' 

गेंद पर अपने नियंत्रण के लिए पहचाने जाने वाले इनसाइड-राइट खेलने वाले पूर्व खिलाड़ी अशोक अजीत पाल सिंह के नेतृत्व में 1975 का विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। वह 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के भी सदस्य थे। उन्हें 1974 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1975 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विजयी गोल करके भारत को विश्व कप में एकमात्र खिताबी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 

अशोक को इस साल की शुरुआत में हॉकी इंडिया मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनकी अन्य उपलब्धियों में दो और विश्व कप पदक (1971 बार्सीलोना में कांस्य और 1973 एम्सटर्डम में रजत) के अलावा एशिया खेलों में तीन रजत पदक (1970 बैंकॉक, 1974 तेहरान और 1978 बैंकॉक) शामिल हैं। 

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