Sports

बेंगलुरु : राजकोट के मुकाबले में ऋषभ पंत को आउट करने के बाद जिस तरह से केशव महाराज कप्तान टेम्बा बावुमा की तरफ दौड़े, वह साफ दिखाता है कि यह एक योजना बनाकर किया गया शिकार था। भारतीय पारी के 13वें ओवर में महाराज ने ऑफ साइड के बहुत बाहर फुलर गेंद डाली, पंत उसे जबरदस्ती मारने के चक्कर में गए और शॉर्ट थडर्मैन पर अपने बल्ले का बाहरी मोटा किनारा दे बैठे। उस समय पंत का स्कोर 22 गेंद में 17 रन था। लेकिन अगर आप इस सीरीज में पंत को आउट होते हुए देख रहे हैं तो पाएंगे कि वह लगातार इसी तरीक़े से आउट हो रहे हैं। 

कटक के दूसरे टी20 अंतररष्ट्रीय में भी महाराज ने पंत को कुछ ऐसी ही गेंद पर आउट किया था। यह महाराज के स्पेल की पहली ही गेंद थी, पंत बिना गेंद की लेंथ देखे ही आगे निकले और उसे इनसाइड आउट मारने की कोशिश की। लेकिन गेंद उनसे काफ़ी दूर थी इसलिए वह डीप कवर में जाने की बजाय डीप प्वाइंट पर गई और वह कैच आउट थे। इसी तरह सीरीज के पहले मैच में भी पंत दिल्ली कैपिटल्स के अपने साथी अनरिच नॉर्त्जे की ऑफ स्टंप से काफी बाहर जाती गेंद को छेड़ने के चक्कर में आउट हुए थे। 

इस साल 19 टी20 पारियों में 10 बार पंत कुछ इसी तरह से वाइड गेंदों पर आउट हो चुके हैं। चौथे मैच के दौरान कॉमेंट्री कर रहे पूर्व बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने कहा कि पंत का इस तरह से बार-बार आउट होना अच्छे संकेत नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'उन्होंने कुछ नहीं सीखा है। वे वाइड गेंदें फेंकते हैं और पंत उसको खेलने जाते हैं। उन्हें कुछ दिन के लिए ऑफ साइड में हवाई शॉट मारना बंद कर देना चाहिए। लगभग 10 से अधिक बार वह इसी तरह से आउट हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ गेंदें तो वे छोड़ देते तो वाइड होतीं और अतिरिक्त रन व गेंद मिलता। चूंकि वह काफी दूर की गेंद को मारने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए वह गेंद तक पहुंच नहीं पा रहे हैं और शॉट को ठीक से टाइम नहीं कर पा रहे हैं।' 

मैच के बाद जब पंत से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कुछ निश्चित क्षेत्रों में सुधार करने की कोशिश करेंगे, लेकिन वह ज्यादा इस बारे में सोच नहीं रहे हैं। हालांकि गेंदबाज पंत के खिलाफ अपना होमवर्क करके आ रहे हैं। उनको पता है कि पंत स्लॉग और पुल पर अधिकतम रन बनाते हैं, तो वे पंत को स्टंप में कम से कम गेंद करते हैं और फिर वाइड गेंद कर उन्हें आउट कर रहे हैं। 

2020 और 2021 में पंत को 32.6 प्रतिशत गेंदें स्टंप की लाइन में खेलने को मिली थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 29.6त्न हो गया है। वहीं ऑफ स्टंप के बहुत बाहर मिलने वाली गेंदें 9.7 प्रतिशत की तुलना में 14.3 प्रतिशत तक बढ़ गई है। पंत ने इस सीरीज में 14.25 के औसत और 105.55 के स्ट्राइक रेट से 57 रन बनाए हैं। वहीं 2022 में उन्होंने 28.56 के औसत और 145.54 के स्ट्राइक रेट से 457 रन बनाए हैं। अगर पंत के आंकड़ें और आउट होने का तरीका यही रहा तो भारतीय प्रबंधन उनकी जगह किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज को मौका देकर दिनेश कार्तिक या इशान किशन को विकेटकीपिंग का प्रभार दे सकता है, जैसा कि इस सीरीज के प्रदर्शन के बाद कई विशेषज्ञों के द्वारा कहा भी जा रहा है।