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नई दिल्लीः फीफा विश्व कप दाैरान अगर किसी टीम ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया तो वो थी बेल्जियम की टीम। फीफा रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज बेल्जियम भले ही सेमीफाइनल में रूस से 1-0 से हार गई हो लेकिन इस टीम के खिलाडियों ने सबका दिल जीत लिया। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक रहे स्ट्राइकर रोमेलू लुकाकू।

टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया 
लुकाकू ने वर्ल्ड कप में अब तक कुल 4 गोल दागे हैं और अब इंग्लैंड से तीसरे पायदान के लिए जंग में उनके पास फिर से अपने आपको साबित करने का मौका होगा। अपनी टीम को 3 दशक बाद सेमीफाइनल में पहुंचाने का श्रेय काफी हद तक लुकाकू को जाता है। आज लुकाकू दुनिया के सबसे मशहूर फुटबॉलर्स में से एक हैं लेकिन ऐसा हमेशा से नहीं था।
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पानी मिलाकर पीते थे दूध
अगर लुकाकू के बचपन पर नजर डालें तो एहसास होता है कि वह कितनी मुश्किलों का सामना कर आज बड़े मुकाम पर पहुंचे है। लुकाकू एक बेहद गरीब परिवार से थे। हालात इतने बदतर थे कि लुकाकू दूध में पानी मिलाकर पीते थे और परिवार उधार के राशन पर पेट पालता था। जब वह छोटे थे तो एक वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किलों से मिल पाता था। बिजली का बिल न भर पाने की वजह से इस खिलाड़ी न कई रातें अंधेरे में गुजारी हैं। 
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लुकाकू ने एक इंटरव्यू में बताया, 'मेरे पिता एक पेशेवर फुटबॉलर ही थे, लेकिन कामयाबी न मिल पाने की वजह से उनके परिवार को कभी अच्छी सुविधाएं तक न मिल सकीं। मुझे अपने परिवार के हालातों का अंदाजा छह साल में हुआ था जब मैंने पहली बार अपनी मां को दूध में पानी मिलाते हुए देख था।'
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आज हैं यूरोप के महंगे फुटबाॅलर
मुश्किल समय में जीवन जीने नाले लुकाकू आज यूरोप के सबसे महंगे फुटबॉलर में से एक हैं। लुकाकू हर हफ्ते 2.27 करोड़ रूपए की कमाई करते हैं। अपनी मेहनत से आगे बढ़े लुकाकू आज मैनचेस्टर यूनाइटेड जैसे क्लब के साथ खेलते हैं। इससे पहले वो चेल्सी, वेस्ट ब्रोमविच एलबियोन और एवर्टन जैसे क्लबों में भी अपना हुनर दिखा चुके हैं।