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स्पोर्ट्स डेस्क : देश में पहली बार दिव्यांगो के लिए टी-10 क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन नोएडा के सेक्टर-21-ए के स्टेडियम में किया जाएगा। 10 से 25 मार्च के बीच आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट की मेजबानी में कर्नाटक स्टेट के फिजिकल चैलेंज क्रिकेट एसोसिएश करेगा। इस टूर्नामेंट में पूरे देश से 27 से 28 टीमें आएंगी। 

कई बड़ी हस्तियां भी होंगी शामिल

इस टूर्नामेंट के दौरान कई बड़ी हस्तियां देखने को मिल सकती हैं। इस टूर्नामेंट के दौरान दिव्यांग क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम भी मौजूद रहेगी। टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में भारत के खेल मंत्री किरन रिजिजू के आने की उम्मीद भी है। एसोसिएशन की तरफ से सभी को इस टूर्नामेंट के लिए आमंत्रण भेज दिया गया है। 

40 प्रतिशत दिव्यांग खिलाड़ी होंगे शामिल

पूरे देश के विभिन्न राज्यों से आई दिव्यांग टीमें इस टूर्नामेंट में भाग लेंगी। एसोसिशन के अनुसार इस टूर्नामेंट के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानक अनुसार 40 फीसद ही दिव्यांग खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा। 25 हजार की बैठने की क्षमता रखने वाले नोएडा के मैदान में दर्शकों के आने की भी उम्मीद जताई जा रही है। 

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इस टूर्नामेंट को लेकर कर्नाटक स्टेट फिजीकल चैलेंज क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा का कहना है कि दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट मार्च के महीने में आयोजित होगा और यह एक हफ्ते तक चलेगा। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक तिथियों घोषणा नहीं की गई है लेकिन नए साल के जनवरी महीने की 3 से 4 तारीख के बाद तारीखों की घोषणा की जाएगी। 

क्रिकेट को पैराओलंपिक में शामिल कराना मकसद

एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि क्रिकेट खेलने वाले दिव्यांग सभी खिलाड़ी दिहाड़ी पर काम करते हैं जिनकी उम्र 15 से 25 वर्ष की है। उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ी अपना अधिकतर जीवन जीने के लिए स्ट्रीट वेंडिग से जुड़े हुए हैं पर इन खिलाड़ियों में बहुत प्रतिभा है। सही मंच ना मिल पाने की वजह से इन खिलाड़ियों का जीवन स्तर सुधर नहीं पा रहा है। इस तरह के क्रिकेट टूर्नामेंट से सरकार इनकी तरफ ध्यान देगी और आगे चलकर पैराओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करना एक मुख्य मकसद है।