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नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता सैयद किरमानी ने कहा है कि एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति के पास मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली को चुनौती देने के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं है। इस पूर्व विकेटकीपर की यह टिप्पणी करूण नायर और मुरली विजय को टेस्ट टीम से बाहर किए जाने को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में आई है। नायर और विजय दोनों ने दावा किया है कि टीम से बाहर करने के फैसले से पहले चयनकर्ताओं ने उनसे बात नहीं की जिसका प्रसाद ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों बल्लेबाजों को इसकी जानकारी दी गयी थी।           

हामी भरने में ही भलाई समझते हैं चयनकर्ता
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किरमानी से जब चयन विवाद पर पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप मुझसे पूछ रहे हो तो रवि शास्त्री कोच होने के कारण मुख्य चयनकर्ता है। वह और कप्तान तथा अन्य सीनियर सदस्य मिलकर चर्चा करते हैं और (वे जो चाहते हैं) उसके बारे में चयन समिति को अवगत करा देते हैं।’’ पूर्व में चयनसमिति के अध्यक्ष रहे किरमानी ने कहा, ‘‘वर्तमान चयनस मिति इन लोगों (शास्त्री और कोहली) के सामने अनुभवहीन है। और इसलिए वे टीम प्रबंधन जो चाहता है उस पर हामी भरने में भलाई समझते हैं क्योंकि वे शास्त्री या कोहली से बहस नहीं कर सकते हैं क्योंकि वे बहुत अधिक अनुभवी हैं। ’’          

चयन समिति के सदस्यों के पास अनुभव की कमी
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पांच सदस्यीय चयन समिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के हिसाब से कम अनुभवी है। मुख्य चयनकर्ता प्रसाद ने छह टेस्ट और 17 वनडे खेले हैं। अन्य चार चयनकर्ताओं में शरणदीप सिंह (दो टेस्ट, पांच वनडे), देवांग गांधी (चार टेस्ट, तीन वनडे), जतिन परांजपे (चार वनडे) और गगन खोड़ा (दो वनडे) शामिल हैं और जाहिर है कि इन सभी को कोई खास अनुभव नहीं है। किरमानी ने कहा, ‘‘चयन में भाग्य भी अहम भूमिका निभाता है। मेरा उदाहरण देख लो। मैं जब अपने करियर के चरम पर था तब मुझे बाहर कर दिया गया।’’ किरमानी ने 88 टेस्ट मैच खेले जिनमें से आखिरी टेस्ट उन्होंने 1986 में खेला था। भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों से में एक किरमानी ने ऋषभ पंत के बारे में कहा कि अभी उन्हें विकेटकीपिंग की बेसिक्स सीखनी है।   
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किरमानी ने कहा, ‘‘विकेटकीपिंग में अभी उसकी शुरुआती कक्षा चल रही है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अभी शुरुआत कर रहा है। दुर्भाग्य से अब कोई भी कोच तकनीक के बारे में बात नहीं कर रहा है। प्रदर्शन मायने रखता है और महेंद्र सिंह धोनी ने इसे साबित किया है। युवा खिलाड़ी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों में धोनी का अनुसरण कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विकेटकीपिंग में बेसिक तकनीक की जरूरत पड़ती है। बल्लेबाजी में वह (पंत) किसी तरह से चल सकता है लेकिन विकेटकीपिंग में आपको गेंद पकडऩे और पूर्वानुमान के लिये तकनीक चाहिए। आपका चपल होना जरूरी है। आपकी नजर अच्छी होनी चाहिए।’’