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स्पोर्ट्स डेस्क : पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसले के पिता सुरेश कुसले ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित 2 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि मिलने से नाखुश हैं। उन्होंने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वह अपने राज्य के ओलंपिक पदक विजेताओं को इससे कहीं अधिक राशि देता है। स्वप्निल ने ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता था। वह महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले हैं। सुरेश कुसले ने सोमवार को कोल्हापुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके बेटे को 5 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि और पुणे के बालेवाड़ी में छत्रपति शिवाजी महाराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास एक फ्लैट मिलना चाहिए।

सुरेश कुसले ने कहा, 'हरियाणा सरकार अपने प्रत्येक (ओलंपिक पदक विजेता) खिलाड़ी को 5 करोड़ रुपए देती है (हरियाणा स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपए और कांस्य विजेता को 2.5 करोड़ रुपए देता है)।' उन्होंने पूछा, 'महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित नई नीति के अनुसार, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपए मिलेंगे। राज्य ने ऐसे मानदंड क्यों बनाए हैं, जबकि स्वप्निल 72 वर्षों में महाराष्ट्र से केवल दूसरे व्यक्तिगत ओलंपिक पदक विजेता (1952 में पहलवान केडी जाधव के बाद) थे?' 

भारत ने पेरिस ओलंपिक में छह पदक जीते जिनमें से पांच व्यक्तिगत थे। पांच व्यक्तिगत पदक विजेताओं में से चार हरियाणा और एक महाराष्ट्र से था। दोनों राज्यों में पुरस्कार राशि में अंतर की तुलना करते हुए सुरेश कुसले ने कहा कि महाराष्ट्र की तुलना में हरियाणा बहुत छोटा राज्य होने के बावजूद अपने पदक विजेता एथलीटों को अधिक पुरस्कार राशि देता है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने स्वर्ण पदक विजेता के लिए 5 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेता के लिए 3 करोड़ रुपए और कांस्य पदक विजेता के लिए 2 करोड़ रुपए की घोषणा की है। ऐसे मानदंड क्यों हैं, जबकि महाराष्ट्र के केवल दो खिलाड़ियों ने इतने वर्षों में व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीते हैं?' 

उन्होंने कहा, 'अगर मुझे ऐसा पता होता तो मैं उसे किसी अन्य खेल में अपना करियर तलाशने के लिए राजी कर लेता। क्या स्वप्निल के साधारण पृष्ठभूमि से होने के कारण पुरस्कार राशि कम रखी गई है? अगर वह विधायक या मंत्री का बेटा होता तो क्या पुरस्कार राशि इतनी ही रहती?' इसके अलावा, सुरेश कुसाले ने पुणे में खेल परिसर में 50 मीटर थ्री-पोजिशन राइफल शूटिंग क्षेत्र का नाम अपने बेटे के नाम पर रखने की भी मांग की। 

अपनी मांगों के बारे में पूछे जाने पर सुरेश कुसले ने कहा, 'स्वप्निल को पुरस्कार के रूप में 5 करोड़ रुपए, बालेवाड़ी खेल स्टेडियम के पास एक फ्लैट मिलना चाहिए ताकि वह आसानी से अभ्यास के लिए आ-जा सके। स्वप्निल के नाम पर 50 मीटर थ्री-पोजिशन राइफल शूटिंग क्षेत्र रखा जाना चाहिए।' पेरिस में स्वप्निल की उपलब्धि के बाद निशानेबाज को उसके नियोक्ता सेंट्रल रेलवे ने पदोन्नत किया और उसे विशेष ड्यूटी पर अधिकारी नियुक्त किया। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों सहित प्रमुख खेल आयोजनों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार राशि को दोगुना करने की घोषणा की।