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हांगझोउ : सुनील कुमार ने 87 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर बुधवार को यहां भारत को एशियाई खेलों (Asian Games) में 13 साल बाद ग्रीको रोमन में पहला पदक दिलाया, लेकिन देश के अन्य पहलवान शुरू में ही बाहर हो गए। किर्गिस्तान के अताबेक अजीसबेकोव के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में सुनील कुमार ने रणनीतिक रवैया अपनाया तथा अपने प्रतिद्वंदी को अंक नहीं बनाने दिए। उन्होंने आखिर में यह मुकाबला 2-1 से जीता। वह अजीसबेकोव थे जिन्होंने सुनील की निष्क्रियता के कारण पहला अंक हासिल किया।


भारतीय पहलवान में जल्द ही इसी तरह से अंक बनाकर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया। इस बीच अजीसबेकोव को दो अंक दे दिए गए थे लेकिन सुनील ने इस फैसले को चुनौती दी जिसमें वह सफल रहे। भारतीय पहलवान ने आखिर में एक और अंक बनाकर जीत दर्ज की। भारत ने 2010 में गुआंगझो एशियाई खेलों में ग्रीको रोमन में दो पदक जीते थे। तब रविंदर सिंह (60 किग्रा) और सुनील कुमार राणा (66 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता था।


सुनील ने अपने अभियान की शुरुआत चीन के फेइ पिंग के खिलाफ 4-3 की करीबी जीत के साथ की और फिर ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबला पहले ही पीरियड में जीत लिया। एशियाई चैंपियन 2020 सुनील का सामना इसके बाद गत एशियाई चैंपियन ईरान के नासिर अलिजादेह से हुआ जिन्होंने भारतीय पहलवान को 4-1 से हराकर स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर कर दिया। भारत ने 2010 ग्वांग्झू खेलों में ग्रीको रोमन में रविंदर सिंह (60 किग्रा) और सुनील कुमार राणा (66 किग्रा) के कांस्य पदक के रूप में दो पदक जीते थे।


भारत के अन्य दावेदार ज्ञानेंद्र (60 किग्रा), नीरज (67 किग्रा) और विकास (77 किग्रा) एक दौर का मुकाबला भी नहीं जीत पाए। ज्ञानेंद्र को अपने पहले मुकाबले में ईरान के मेसाम दलखानी के खिलाफ 1-7 से शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि नीरज को उज्बेकिस्तान के माखमुद बाखशिलोव ने 5-3 से हराया। विकास को चीन के रुइ ल्यु के खिलाफ तकनीकी दक्षता के आधार पर शिकस्त झेलनी पड़ी। गुरुवार को बाकी बचे दो भारतीय ग्रीको रोमन पहलवान नरेंद्र चीमा (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा) चुनौती पेश करेंगे। गुरुवार को ही महिला स्पर्धाएं भी शुरू होंगी जिसमें अंतिम पंघाल (53 किग्रा), पूजा गहलोत (50 किग्रा) और मानसी अहलावत (57 किग्रा) चुनौती पेश करेंगी।