रांची : ऐसे समय में जबकि विश्व क्रिकेट में ऐसे तेज गेंदबाजों की बहुत कमी है जो बल्ले और गेंद से अपना प्रभाव छोड़ सकें, तब मार्को यानसन अपने ऑलराउंड खेल से दक्षिण अफ्रीका के लिए बहुमूल्य खिलाड़ी बन गए हैं। इस 25 वर्षीय बाएं हाथ के गेंदबाज को कभी नई गेंद संभालने वाला तेज गेंदबाज माना जाता था लेकिन पिछले कुछ समय से उन्होंने गेंदबाजी में अपना कमाल दिखाने के साथ बल्लेबाजी में भी अमूल्य योगदान दिया है। यानसन की गेंदबाजी उनका मजबूत पक्ष रहा है।
अपनी तेज उछाल, दाएं हाथ के गेंदबाजों के लिए कोण बनाकर की गई गेंदबाजी और धीमी पिच पर भी गति हासिल करने की क्षमता उन्हें विशेष खिलाड़ी बनाती है। उनकी फुल लेंथ गेंद और बेहतर नियंत्रण ने उन्हें खतरनाक तेज गेंदबाज बना दिया है जिससे वह दक्षिण अफ्रीका के आक्रमण के अगुआ बन गए हैं। उनकी बल्लेबाजी दक्षिण अफ्रीका के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जिससे कि टीम में अद्भुत संतुलन पैदा हो जाता है।
यानसन अब केवल पुछल्ले बल्लेबाज नहीं रहे। अब वह स्पष्ट सोच के साथ बल्लेबाजी करके टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकालने की कोशिश करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। यानसन ने कहा, ‘जब शीर्ष पांच बल्लेबाज अच्छी फॉर्म में हों तब मैदान पर उतरना अच्छा लगता है। मेरी नजर केवल गेंद पर होती है और मैं उसी के अनुसार बल्लेबाजी करता हूं। अभी मेरी यह रणनीति कारगर साबित हो रही है।'
बल्लेबाजी में उन्होंने अपना प्रभावशाली प्रदर्शन भारत के खिलाफ हाल ही में गुवाहाटी टेस्ट में किया जब उन्होंने नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 91 गेंदों में 93 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को संकट से बाहर निकाला। उन्होंने सात विकेट पर 334 रन के स्कोर पर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभाली और पस्त हो चुके भारतीय आक्रमण पर जवाबी हमला करते हुए छह चौके और सात छक्के लगाए। उनकी आक्रामक पारी की मदद से दक्षिण अफ्रीका ने 489 रन का विशाल स्कोर बनाया जिससे मैच का रुख बदल गया।
यह पहला अवसर नहीं था जबकि यानसन ने इस तरह की आक्रामक पारी खेली। इससे पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में 59 रन की पारी खेलकर दक्षिण अफ्रीका को मुश्किल स्थिति से उबारा था। ऐसे समय में जबकि सीमित ओवरों के क्रिकेट में छोटी-छोटी पारियों का महत्व बढ़ता जा रहा है तब उन्होंने दिखाया कि वह दक्षिण अफ्रीका के लिए कितने उपयोगी हैं।
भारत के खिलाफ गबेरहा में बारिश से प्रभावित वनडे मैच में उन्होंने 35 गेंदों में 42 रन की पारी खेलकर अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसके बाद किम्बरली में खेले गए एकदिवसीय मैच में उन्होंने 26 गेंदों में 38 रन की पारी खेली जो आखिर में निर्णायक साबित हुई। खेल के अन्य समकालीन तेज़ गेंदबाजी ऑलराउंडरों की तुलना में यानसन का प्रदर्शन लाजवाब है। ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करते रहते हैं लेकिन वह गेंदबाजी में यानसन जैसे प्रभावशाली गेंदबाज नहीं हैं।
भारत के हार्दिक पांड्या का प्रभाव कार्यभार प्रबंधन के कारण सीमित है जबकि इंग्लैंड के बेन स्टोक्स लगातार गेंदबाजी नहीं कर पाते हैं। हालांकि खेल पर उनका प्रभाव व्यापक है। यानसन टेस्ट मैचों में नई और पुरानी दोनों गेंदों से अच्छी गेंदबाजी करते हैं और फिर महत्वपूर्ण रन भी बनाते हैं। एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्विंग करने की उनकी क्षमता के साथ नंबर सात या आठ नंबर के बल्लेबाज के रूप में उनकी क्लीन हिटिंग से दक्षिण अफ्रीका की टीम में संतुलन पैदा होता है। अपने इस प्रदर्शन से वह जॉक कैलिस की कमी को दूर करने की राह पर बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।