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लंदन : दक्षिण अफ्रीका ने शनिवार को फाइनल के चौथे दिन जीत के लिए जरूरी 69 रन बनाकर गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीत ली। दक्षिण अफ्रीका ने 27 वर्षों में अपना पहला बड़ा क्रिकेट खिताब जीता जिसके बाद लॉर्ड्स मैदान पर टीम के खिलाड़ी और प्रशंसकों ने जम कर जश्न मनाया। 

दक्षिण अफ्रीका ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 213 रन से की थी। टीम ने पांच विकेट पर 282 रन बनाकर लक्ष्य हासिल किया। यह लॉर्ड्स के 141 साल के इतिहास में लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए दूसरी सबसे बड़ी जीत है। ऑस्ट्रेलिया ने मैच के चौथे दिन भी पूरा जोर लगाना जारी रखा और कप्तान पैट कमिंस की अगुवाई में उसके गेंदबाजों ने शुरुआती घंटे में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा ली। दिन के तीसरे ओवर में जब कमिंस की गेंद पर कप्तान तेम्बा बावुमा (66) विकेट के पीछे एलेक्स कैरी के द्वारा लपके गये तब लगा कि टीम एक बार फिर जीत के करीब पहुंच कर फिसल ना जाये। दिन की शुरुआत 102 रन से करने वाले शतकवीर एडेन मारक्रम (136) की अगुवाई में टीम ने हालांकि धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए किसी अनहोनी को टाल दिया। 

ऑस्ट्रेलिया ने विकेट चटकाने के लिए पूरा प्रयास किया। टीम की बेताबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने शुरुआती 90 मिनट के खेल में अपने तीनों डीआरएस गंवा दिये। जोश हेजलवुड की गेंद पर मारक्रम जब आउट हुए तब तक मैच ऑस्ट्रेलिया के हाथों से निकल चुका था। मारक्रम ने छह घंटे और 23 मिनट की मैराथन पारी में 207 गेंद का सामना कर 14 चौके जड़े। काइल वेरेने (नाबाद चार) ने मारक्रम के पवेलियन लौटने के लगभग 15 मिनट के बाद विजयी रन जड़ कर दक्षिण अफ्रीका के खेमे को जश्न में डूबने का मौका दे दिया। 

 

माथे से हटा 'चोकर्स' वाला टैग
इसी के साथ उसके माथे पर 27 साल से लगा चोकर्स टैग भी हट गया है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका की टीम को बड़े टूर्मांमेंट में हारने के लिए जाना जाता है। यह टीम ज्यादातर सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो जाती थी या फिर फाइनल में। ऐसे में इसे 'चोकर्स' का टैग दिया गया। 1998 में ढाका में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (इसका नाम बाद में चैंपियंस ट्रॉफी रख दिया गया था) जीतने के बाद से वे किसी भी बड़े आईसीसी टूर्नामेंट का खिताब नहीं जीत पाई थी।