Sports

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक के लिए चुनी गई 16 सदस्यीय भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने वाले जरमनप्रीत सिंह ने कहा कि 2016 में डोपिंग का दंश झेलना उनके करियर का सबसे निराशाजनक समय था। जरमनप्रीत पिछले कुछ वर्षों से भारतीय टीम के नियमित खिलाड़ी रहे हैं। वह डोपिंग के कारण 2016 से 2018 तक खेल से दूर रहे थे। 

ओलंपिक में पदार्पण को तैयार इस खिलाड़ी ने डोपिंग के कारण लगे प्रतिबंध को याद करते हुए कहा, ‘यह मेरे लिए आसान नहीं था। यह कई अनिश्चितताओं के साथ मेरे सबसे बुरे समय में से एक था।' नीदरलैंड में 2018 में चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण करने वाले पंजाब के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘खिलाड़ी आम तौर पर इस तरह के झटके से उबर नहीं पाते हैं। दो साल तक मैचों से बाहर बैठने से आप काफी पीछे छूट जाते हैं।' 

आयकर विभाग में अधिकारी के पद पर तैनात इस खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं हालांकि अपनी वापसी को लेकर दृढ़ निश्चय था और मुझे पता था कि मुझे वापसी करनी होगी। मुझे नहीं लगता कि मैं मजबूत घरेलू ढांचे के बिना ऐसा कर सकता था, जहां मैं चयनकर्ताओं को दिखा सकता था कि मुझमें अभी भी वह क्षमता है।' इस 27 साल के खिलाड़ी ने भारत के लिए 98 मैच खेले हैं। उन्होंने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘मैं ओलंपिक को लेकर काफी रोमांचित हूं और टीम के अभियान के शुरू होने का इंतजार कर रहा हूं।' 

NO Such Result Found