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नई दिल्ली : ‘बचपन से हम सचिन तेंदुलकर का नाम ही सुनते आए हैं और मैदान में सचिन सचिन का शोर सुना है, जब ओलंपिक में आखिरी चार मैचों में मुझे श्रीजेश श्रीजेश सुनाई दिया तो मुझे उनकी क्रिकेट से विदाई याद आ गई', यह कहना है भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश का। तोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीतकर श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया। उनकी विदाई के साथ ही भारतीय हॉकी से 16 नंबर की जर्सी भी रिटायर कर दी गई। 

यह पूछने पर कि रिटायर होने के बाद सबसे ज्यादा क्या ‘मिस' करेंगे, श्रीजेश ने कहा, ‘जैसे सचिन ने कहा था कि मैदान में ‘सचिन सचिन' का शोर वह कभी भुला नहीं पाएंगे तो ओलंपिक में आखिरी चार मैचों से मुझे भी यह सुनाई दे रहा था ‘श्रीजेश श्रीजेश'। हमने बचपन में बस सचिन सचिन ही सुना है और उस पल मुझे एकबारगी लगा कि मैंने भी देश के लिए कुछ किया है।' 

उन्होंने कहा, ‘मैं मैदान में उतरते समय पैड पहनना मिस करूंगा। लोग पहले दाहिना पैर रखते हैं लेकिन मैं बायां पैर पहले रखता था।' भारत के लिए 336 मैच खेल चुके इस दिग्गज ने कहा, ‘हॉकी में वॉर्मअप, रूम, मीटिंग, खिलाड़ियों को मैदान पर गालियां देना, साथ में खाना सब कुछ मिस करूंगा। मेरा जीवन अब तक टीम के साथ ही रहा है, इनके बिना मुझे कुछ पता नहीं है। अब इनके बिना जिंदगी के बारे में सोचना पड़ेगा।'