हांगझोउ : अनुभवी रोहन बोपन्ना (Rohan Bopanna) और रूतुजा भोसले (Rutuja Bhosale) ने पहला सेट हारने के बाद वापसी करते हुए चीनी ताइपै के सुंग हाओ हुआंग और एन शुओ लियांग को 2.6, 6.3, 10.4 से हराकर एशियाई खेलों (Asian Games) की मिश्रित युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया। अब भारतीय टेनिस दल कम से कम एक स्वर्ण पदक लेकर लौटेगा। इस बार एशियाई खेलों में टेनिस में भारत की झोली में दो ही पदक गिरे जिनमें पुरूष युगल का रजत शामिल है। पहले सेट में भोसले को अपनी सर्विस और रिटर्न में काफी दिक्कत हुई और चीनी ताइपै के खिलाड़ियों ने उसे ही निशाना बनाया। उसने हालांकि दूसरे सेट में अपने खेल में जबर्दस्त सुधार करके कुछ शानदार रिटर्न लगाए।
बोपन्ना ने कहा कि हमें एक दूसरे की कमजोरियों और ताकत को समझना था। हम आज पहला सेट हार गए तो मैंने कहा कि साइड बदल लेते हैं। हमें कुछ तो बदलाव करना ही था। उन्होंने कहा कि वे बहुत अच्छा खेल रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरा पहला या दूसरा एशियाई खेल है। इतने साल खेलने के बाद मैं खुद को जल्दी ढाल लेता हूं। इस तरह के मैचों में यह बहुत जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि अब वह भारत और पाकिस्तान का हॉकी मैच देखेंगे। उन्होंने कहा कि मैं कुछ मैच देखना चाहता हूं। अभी तक मौका नहीं मिला लेकिन अब देखूंगा।
भारत ने टेनिस में 2002 में बुसान में 4, 2006 में दोहा में चार, 2010 में ग्वांग्झू में पांच, 2014 में इंचियोन में पांच और 2018 में जकार्ता में तीन पदक जीते थे। साकेत माइनेनी और रामकुमार रामनाथन ने पुरूष युगल में रजत जीता है। एकल वर्ग में अंकिता रैना और सुमित नागल पहले ही हारकर बाहर हो गए। वहीं, पुरूष युगल में बोपन्ना और युकी भांबरी भी शुरूआती दौर में उलटफेर का शिकार हो गए।