नई दिल्ली: भारत के अनुभवी टेनिस स्टार और दो बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन रोहन बोपन्ना ने शनिवार को पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की, जिससे एटीपी टूर पर उनके शानदार दो दशक लंबे करियर का अंत हो गया। 45 वर्षीय बोपन्ना ने पेरिस मास्टर्स 2025 में अपना आखिरी मुकाबला खेला, जहां वह कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक के साथ पहले दौर में हार गए।
भावुक विदाई संदेश
कूर्ग (कर्नाटक) के रहने वाले बोपन्ना ने “अलविदा... लेकिन अंत नहीं” शीर्षक से अपने बयान में लिखा, 'आधिकारिक रूप से खेल से विदा ले रहा हूं। आप उस चीज़ से विदा कैसे ले सकते हैं जिसने आपकी ज़िंदगी को मायने दिए।'
उन्होंने याद किया कि कैसे कूर्ग की गलियों से निकलकर, लकड़ी काटते हुए और कॉफी के बागानों के बीच दौड़ते हुए उन्होंने एक सपना देखा था — दुनिया के सबसे बड़े कोर्ट पर खेलना।
उपलब्धियों से भरा सफर
बोपन्ना ने 2017 में फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता।
2024 ऑस्ट्रेलियन ओपन में मैथ्यू एबडेन के साथ पुरुष युगल खिताब जीता।
43 वर्ष की उम्र में इंडियन वेल्स खिताब जीतकर सबसे उम्रदराज़ एटीपी मास्टर्स चैंपियन बने।
2024 में वे सबसे उम्रदराज़ डबल्स वर्ल्ड नंबर 1 भी बने।
भारत के लिए योगदान
बोपन्ना ने भारत के लिए डेविस कप, ग्रैंड स्लैम और ओलंपिक में हिस्सा लिया। उन्होंने 2023 में डेविस कप से संन्यास लिया था और आखिरी बार लखनऊ में मोरक्को के खिलाफ खेले थे।
परिवार के नाम संदेश
उन्होंने अपने माता-पिता, बहन रश्मि, पत्नी सुप्रिया और बेटी त्रिधा का आभार व्यक्त करते हुए लिखा, 'हर मैच तुम्हारे लिए था, ताकि तुम जानो कि सपनों के लिए लड़ना जरूरी है, और विनम्रता व साहस ही असली जीत है।'