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लंदन : भारत के पूर्व कोच और कमेंटेटर रवि शास्त्री का कहना है कि द ओवल मैदान की पिच भले ही ऑस्ट्रेलिया के लिए ज्यादा अनुकूल है, लेकिन हाल ही में आईपीएल पूरा करके आई भारतीय टीम मैच अभ्यास के कारण विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए ज्यादा तैयार है। भारत और ऑस्ट्रेलिया बुधवार से होने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल में आमने-सामने होंगे। खिताबी मुकाबले से पहले अधिकतर भारतीय खिलाड़ी जहां आईपीएल खेलकर आ रहे हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट से बाहर रहने का फैसला किया था। 

इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले से पहले शास्त्री, रिकी पॉन्टिंग और वसीम अकरम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के एक कार्यक्रम ‘आफ्टरनून विद टेस्ट लिजेंड्स' में मैच को लेकर चर्चा की। बतौर कोच भारत को डब्ल्यूटीसी फाइनल 2021 तक ले जाने वाले शास्त्री ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि अगर आप तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखें, अगर बुमराह होते तो मोहम्मद शमी, बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ (मुकाबला) बराबरी का होता। लेकिन स्टार्क, कमिंस के साथ ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण (ज्यादा मजबूत है)। हो सकता है कि मैच फिटनेस से कुछ फर्क पड़े।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालिया क्रिकेट अभ्यास की जरूरत है। पांच दिनों तक छह घंटे मैदान में रहना हर दिन दो घंटे नेट पर गेंदबाजी करने से अलग है। शमी महत्वपूर्ण हो सकते हैं क्योंकि वह काफी क्रिकेट खेल रहे हैं।'' 

अकरम ने जताई सहमति

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने भी शास्त्री से सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के तौर पर मैं मैच अभ्यास पसंद करता हूं। इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैंने कौन सा प्रारूप खेल रहा हूं। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में खेलना (न खेलने से) बेहतर है।'' ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप जिताने वाले कप्तान रिकी पॉन्टिंग हालांकि कोई स्पष्ट राय रखने से बचते नजर आये। पॉन्टिंग ने कहा, ‘‘कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़यिों ने न तो कुछ किया है और न ही कुछ खेला है। तरोताज़ा होकर आना, क्या यह बेहतर है? या थोड़ा थका हुआ होने लेकिन बहुत सारा क्रिकेट अभ्यास होना, यह बेहतर है?'' 

भारत दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल खेल रहा है, जबकि 2021 में खिताबी मुकाबले में उसे न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी। भारतीय टीम के तत्कालीन कोच शास्त्री ने कहा कि बीते दो सालों में परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप जीत नहीं पाते तो दुख होता है, लेकिन अगर मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो उस विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की तुलना में परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। उस समय कोविड-19 और क्वारंटाइन था। यह खिलाड़ियों के लिए कठिन था, 14 दिन कमरे में बंद रहना और फिर सात दिन अभ्यास करना। यहां दोनों टीमों के पास तैयारी के लिये समय है और यह एक अच्छी प्रतियोगिता होगी।''