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नई दिल्ली : चार बार की ओलंपियन तीरंदाज दीपिका कुमारी ने संन्यास की योजनाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह लॉस एंजिलिस ओलंपिक में देश के प्रतिनिधित्व के लक्ष्य के साथ दबाव वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए मानसिक मजबूती बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 के समय दीपिका की उम्र 34 साल हो जायेगी। उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि यह ओलंपिक में उनके लिए आखिरी मौका होगा ऐसे में उनकी मानसिकता ‘करो या मरो' की होगी। 

दीपिका ने यहां तीरंदाजी प्रीमियर लीग के शुरुआती दिन कहा, ‘यह मेरे करियर का अंतिम चरण नहीं है। मैंने अभी इस बारे में फैसला नहीं किया है। मुझे लगता है अब तक की सभी प्रतियोगिताओं से मुझे अच्छा अनुभव मिला है।' दीपिका ने बताया कि उनकी मौजूदा ट्रेनिंग में मानसिक और तकनीकी दोनों पहलुओं को बेहतर करने पर काम हो रहा है। इस 

अनुभवी तीरंदाज ने कहा, ‘मैं अपने खेल के मानसिक और तकनीकी दोनों पहलुओं पर काम कर रही हूं और यह लीग मुझे और बेहतर बनाने में मदद कर रही है। दर्शकों के सामने खेलने से दबाव तो आता है, लेकिन यही दबाव खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में मदद करता है।' उन्होंने कहा, ‘मैं हर तकनीक में महारत हासिल करने की कोशिश कर रही हूं। मुझे पहले भी टूर्नामेंट के अहम मैचों में अक्सर मानसिक रूप से परेशानी होती रही है, जिसकी वजह से  परिणाम मेरे पक्ष में नहीं आते थे।' 

उन्होंने कहा, ‘मैं विभिन्न तरह की परिस्थितियों को मन में सोच कर अभ्यास कर रही हूं, मानसिक प्रशिक्षण ले रहा हूं। मैं हर समय इस खेल के बारे में सोच रही हूं। मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं।' दीपिका ने ओलंपिक खेलों में कंपाउंड तीरंदाजी को शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारत की पदक की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं क्योंकि कंपाउंड तीरंदाजी अब ओलंपिक का हिस्सा है। हर कोई सोच रहा था कि यह कब होगा और आखिरकार हो ही गया। कई टूर्नामेंटों में हमारे पदकों की संख्या पहले ही बढ़ चुकी है और हमारी कंपाउंड टीम बहुत मजबूत है।' 

दीपिका ने भारत में आयोजित हो रही पहली तीरंदाजी प्रीमियर लीग की भी सराहना करते हुए कहा कि लंबे समय से ऐसे कदम की जरूरत थी और इससे देश के तीरंदाजों को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम यहीं भारत में एक टूर्नामेंट खेल रहे हैं और मैं बहुत उत्साहित हूं क्योंकि पहली बार ऐसी लीग शुरू हुई है। हम इसका लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे।'