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मेलबर्न : हार्दिक पांड्या को कुछ साल पहले कोई अंदाजा नहीं था कि उनका भविष्य क्या होगा लेकिन एक बार असफलता का भय निकल गया तो उन्हें अपना यह स्वरूप पसंद आने लगा। गेंदबाजी फिटनेस हासिल करने के लिए रिहैबिलिटेशन करने के बाद उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और नई टीम गुजरात टाइटन्स को इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब दिलाया और भारत के लिए कुछ महत्वपूर्ण हरफनमौला प्रदर्शन किया। बल्कि इस साल उनके दो सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शन में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ रहे जिसमें उन्होंने खेल के दोनों विभागों में अच्छा प्रदर्शन किया। 

पांड्या से जब पूछा तो उन्होंने कहा, ‘ऐसा भी समय था जब मैं नहीं जानता था कि हार्दिक के लिए अगली चीज क्या है। इसलिए मुझे अपनी सोचने की प्रक्रिया में काफी शामिल होना पड़ा और फिर मैंने खुद से पूछा, ‘आप जिंदगी से क्या चाहते हो?' उन्होंने कहा, ‘मैंने असफलता का डर निकाल दिया और आगे क्या होने वाला है या फिर नतीजा क्या होगा, इससे परेशान नहीं होता कि लोग क्या कहेंगे लेकिन मैं लोगों की राय का सम्मान करता।' अगर पांड्या को करीब से देखें तो 2018-19 और अब 2022 में उनके रवैये में काफी अंतर दिखता है। 

गौर हो कि पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के पहले मैच में भी हार्दिक पांड्या ने विराट कोहली के साथ 113 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की थी जिसमें पांड्या ने 37 गेंदों पर एक चौके और 2 छक्कों की मदद से 40 रन तथा कोहली ने 53 गेंदों पर 6 चौकों 4 छक्कों की मदद से 82 रन की पारी खेली थी। इसकी बदलौत भारत आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर 160 रन का लक्ष्य हासिल कर चार विकेट से जीतने में सफल रहा। वहीं इससे पहले अर्शदीप सिंह और हार्दिक पांड्या ने 3-3 विकेट लेकर पाकिस्तान को बड़ा स्कोर बनाने से रोकने में भी मदद की थी।