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जालन्धर : पूरा देश जब स्पोर्ट्स डे मना रहा है तो एक सलाम उन मां-बाप को भी बनता है जिनके कारण हमारे देश को बढ़े सुपरस्टार मिले। देश में ऐसे कई बड़े खेल सितारे हैं जिनका भविष्य संवारने में उनके मां-बाप का सबसे बढ़ा हाथ रहा है। कई खेल सितारों के लिए उनके मां-बाप ने सरकारी नौकरी तक छोड़ दी तो कई ऐसे थे जोकि दिन में दो बार 60 किलोमीटर की यात्रा कर अपने बच्चे को ट्रेनिंग के लिए लेकर जाते थे। आइए स्पोटर््स डे पर जानें खेल सितारों के पेरेंट्स की संघर्ष भरी कहानियां-

पीवी सिंधु

National Sports Day : Know 5 best stories of Stars players parents
पीवी सिंधु आज जिस मुकाम पर है उसपर वह कभी पहुंच नहीं पाती अगर उनके पेरेंट्स का उन्हें स्पोर्ट नहीं होता। पिता पीवी रमाना जोकि बास्केटबॉल प्लेयर भी रह चुके हैं, बेटी सिंधु को लेकर रोज दिन में 60 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग के लिए लेकर जाते थे। इसके लिए रमाना रोज सुबह 3 बजे उठते थे। इस दौरान उनकी मां ने भी बराबर सहयोग दिया। वह हर उस जगह जाती थी जहां पीवी ने मैच खेलने जाना होता थाा। वह दक्षिण भारत में होने वाले राज्य स्तरीय कंपीटिशन में पीवी के साथ ही होती थी। खास बात यह है कि पीवी की मां विजयालक्ष्मी ने बेटे के करियर के लिए अपनी रेलवे की नौकरी छोड़ दी थी ताकि बेटी को ट्रेनिंग, डाइट में कोई दिक्कत न आ सके।

मिताली राज

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राजस्थान के जयपुर में जन्मी मिताली राज भी अपनी सफलताओं का सारा श्रेय अपने पेरेंट्स को देती हैं। भारतीय वुमन क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली  ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह जिस घर से क्रिकेट खेलते हुए निकली है वहां से उनके मां-बाप का उन्हें दिया गया स्पोर्ट बढ़ा मायना रखता है। मिताली की मां लीला राज ने भी एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि हम बस यह चाहते थे कि बेटी जिंदगी में सफल हो। मिताली की शुरुआत में ही हमने उसे बोल दिया कि कुछ भी हो हार या जीत, तुमने ग्राऊंड पर रोना नहीं है। हां, वह सचमुच नहीं रोई। बताया जाता है कि मिताली के अच्छे भविष्य और ट्रेनिंग के लिए लीला राज ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी।

मनु भाकर

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भारतीय निशानेबाजी का भविष्य मानी जाती मनु भाकर का बचपन में किसी एक गेम में ध्यान नहीं था। वह कभी कुछ खेलती थी तो कभी कुछ। उनके पिता राम किशन भी बेटी की इच्छाओं के अनुरूप उन्हें विभिन्न स्पोटर््स की ट्रेनिंग दिलवाते रहे। आखिरकार मनु का मन जब शूटिंग में रमा तो उनके पिता ने उन्हें उच्च स्तर की ट्रेनिंग और पिस्टल दिलवाई ताकि बेटी को कोई परेशानी न आए।

विनेश फोगाट

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एशिया गेम्स में भारत के लिए पहला गोल्ड जीतने वाली विनेश जब छोटी थी तब उनके पिता का निधन हो गया था। मां प्रेमलता ने उनके करियर संवारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। दरअसल ट्रेनिंग के दिनों में खबर आई थी कि प्रेमलता कैंसर से जूझ रही है। प्रेमलता इसके बावजूद कीमोथैरेपी करवाने के लिए अकेले ही जाती थी ताकि उनकी बेटी विनेश को ट्रेनिंग में कोई व्यवधान न आए। विनेश तब आपने ताया महावीर सिंह फोगाट से ट्रेनिंग लेती थी, जोकि समय और निरंतरता के मामले में काफी सख्त थे।

सानिया मिर्जा

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सानिया शुरू से ही अपने मां-बाप को अपने लिए आदर्श मानती रही हैं। करियर के शुरुआती दिनों में सानिया ने अपने पिता इमरान से ही टेनिस के गुर सीखे थे। इमरान ने सानिया की ट्रेनिंग के लिए वह सब कुछ किया जो एक आदर्श पेरेंट्स को करना चाहिए था। सानिया आज भी अपने पेरेंट्स के संघर्ष का सलाम करना नहीं भूलती। बीते दिनों सानिया ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे पेरेंट्स मेरे लिए हमेशा आदर्श रहे हैं। उन्होंने मेरे ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं डाला। उन्होंने मुझे हमेशा सहज रखा। हर फैसले पर वह मेरे साथ होते थे। सबसे जरूरी बात वह बात का ज्यादा ध्यान रखते थे कि मैच से पहले मैं सहज रहूं। हर बड़ी खिलाड़ी के बनने के पीछे यह चीज जरूर होती है।