धर्मशाला : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 4-1 से हार पर निराशा व्यक्त करते हुए टीम के बल्लेबाजों को अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर काम करने और ‘बैजबॉल' के प्रति अपना जुनून छोड़ने की सलाह दी। इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक अंदाज में खेलने के लिए ‘बैजबॉल' शैली को अपनाया लेकिन भारत के खिलाफ उसकी यह रणनीति नहीं चल पाई और उसे श्रृंखला में करारी हार का सामना करना पड़ा।
‘बैजबॉल' शब्द इंग्लैंड के टेस्ट कोच ब्रैंडन मैकुलम के उपनाम ‘बैज' से लिया गया है। हुसैन ने अपने कॉलम में लिखा, ‘हम इस शब्द ‘बैजबॉल' के कारण भ्रमित हो गए। टीम और टीम प्रबंधन को यह शब्द ‘बैजबॉल' रास नहीं आ रहा है। उन्हें अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ध्यान देने की जरूरत है।'
इंग्लैंड की तरफ से 45 टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले हुसैन ने कहा, ‘विपक्षी टीम को देखिए। उन्होंने जिंदगी के हर पहलू की तरह प्रयास किया और उनसे सीख ली। फिर हमारा पतन क्यों हुआ। जैक क्रॉली अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में क्यों नहीं बदल पाए। बेन डकेट ने तब आक्रामक रवैया अपनाया जब गेंद काफी नई थी।'
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स पूरी श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस संबंध में हुसैन ने कहा, ‘बेन स्टोक्स का बल्ला पूरी श्रृंखला में नहीं चला। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि वह विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल रहे थे। केवल अपने खुद के खेल पर ध्यान दो और उसमें सुधार करो।'
हुसैन ने टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट पूरे करने वाले तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन तथा 500 से अधिक विकेट लेने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘बैजबॉल के बारे में काफी कहा और लिखा गया। मैंने पहले भी कहा था कि इन परिस्थितियों में व्यक्तिगत प्रदर्शन महत्वपूर्ण होता है।' हुसैन ने कहा, ‘इस मैच में दो खिलाड़ी जिमी एंडरसन और रविंद्रचंद्रन अश्विन खेल रहे थे। वे इस खेल के महान खिलाड़ी इसलिए बने क्योंकि उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दिया। उन्होंने सुधार करने का प्रयास किया।'