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नई दिल्ली : चोटिल मीराबाई चानू की वापसी में और विलंब होगा क्योंकि ओलंपिक रजत पदक विजेता यह भारोत्तालक अगले साल फरवरी में होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप में नहीं खेल पाएंगी। पूर्व विश्व चैम्पियन चानू अब भी अक्टूबर में एशियाई खेलों के दौरान लगी ‘हिप टेंडिनाईटिस' चोट से उबर रही हैं। 49 किग्रा वजन वर्ग में हिस्सा लेने वाली चानू ने आईडब्ल्यूएफ ग्रां प्री दो में भी कोई वजन नहीं उठाया। 

उम्मीद थी कि वह उज्बेकिस्तान के ताशकंद में तीन से 10 फरवरी तक होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप तक फिट हो जाएंगी। लेकिन चानू ने कहा, ‘मैं इस बार एशियाई चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लूंगी। बल्कि मैं विश्व कप में शिरकत करूंगी।' पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन नियमों के अनुसार एक भारोत्तोलक को 2023 विश्व चैम्पियनशिप और 2024 विश्व कप (थाईलैंड के फुकेट में 31 मार्च से 11 अप्रैल तक) में हिस्सा लेना अनिवार्य है। इन दोनों टूर्नामेंट के अलावा एक भारोत्तोलक को 2022 विश्व चैम्पियनशिप, 2023 और 2024 महाद्वीपीय चैम्पियनशिप, 2023 ग्रां प्री एक और 2023 ग्रां प्री दो में से किसी तीन में हिस्सा लेना जरूरी है। 

पटियाला में ‘रिहैबिलिटेशन' प्रक्रिया से गुजर रही चानू की योजना फरवरी में अमेरिका जाकर डाक्टर आरोन होर्शिग के साथ काम करने की भी है जिनसे वह 2020 से सलाह ले रही हैं। चानू ने कहा, ‘चोट के कारण मैंने विदेश की यात्रा नहीं की। लेकिन उम्मीद है कि फरवरी में अपने फिजियोथेरेपिस्ट के पास मांसपेशियों की मजबूती और कुछ ‘हाई परफोरमेंस' ट्रेनिंग के लिए अमेरिका की यात्रा करूं।' 

उन्होंने कहा, ‘वह मेरी काफी मदद करते हैं जिससे मेरा प्रदर्शन बेहतर भी होता है। विदेशी कोच की जरूरत नहीं है। एक अच्छा फिजियोथेरेपिस्ट आपको अच्छी ट्रेनिंग में मदद कर सकता है। '' एशियाई चैम्पियनशिप में नहीं खेलने से चानू की क्वालीफिकेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह इस समय ओलंपिक क्वालीफिकेशन रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अब भी पटियाला में ही रिहैबिलिटेशन कर रही हूं। लेकिन मैं इस बार अपने पदक का रंग बदलने के लिए सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश रही हूं।'