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ग्रेटर नोएडा : स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू सितंबर में सऊदी अरब के रियाद में होने वाली विश्च भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में फिर भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी। दो बार की पदक विजेता चानू (49 किग्रा) के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता बिंदियारानी देवी (55 किग्रा) और अचिंता शेयुली (73 किग्रा), शुभम टोडकर (61 किग्रा) और नारायण अजीत (73 किग्रा) भी इस विश्व प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। 

टोडकर को छोड़कर यही टीम एशियाई खेलों में भाग लेगी। मई में एशियाई चैम्पियनशिप में छठे स्थान पर रहने के बाद यह तोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता चानू की पहली प्रतियोगिता होगी। चानू और बिंदियारानी इस समय पूर्व भारोत्तोलक से फिजियोथेरेपिस्ट और ‘स्ट्रेंथ एंव कंडिशनिंग' कोच बने डा आरोन होर्शिग के मार्गदर्शन में 65 दिन के शिविर के लिए अमेरिका में हैं। राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा भी इस वक्त अमेरिका में हैं। 

उन्होंने कहा, ‘मीरा चोटिल नहीं है, हम उसके मजबूत पक्षों पर काम कर रहे हैं। वह विश्व चैम्पयनशिप और एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगी।' विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई खेलों के बीच काफी कम समय का अंतर है। विश्व चैम्पियनशिप आमतौर पर साल के अंत में नवंबर और दिसंबर में कराई जाती है, लेकिन इस बार यह चार सितंबर से शुरु हो रही है और एशियाई खेल 20 दिन के अंदर चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से शुरु होंगे। 

एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट नहीं है और चानू के पदकों में केवल एशियाड पदक की कमी है। पूर्व विश्व चैम्पियन चानू पिछले साल दिसंबर में विश्व चैम्पियनशिप के पिछले चरण में एक रजत पदक जीता था। लेकिन 2024 ओलंपिक क्वालीफिकेशन नियम के अंतर्गत 2023 विश्व चैम्पियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है। इन दोनों के अलावा एक भारोत्तोलक को 2022 विश्व चैम्पियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैम्पियनशिप, 2023 ग्रां प्री 1, 2023 ग्रां प्री 2 और 2024 महाद्वीपीय चैम्पियनशिप में से तीन में शिरकत करना होता है। 

भारतीय टीम : 

महिला : मीराबाई चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी देवी (55 किग्रा) 
पुरुष : अचिंता शेयुली (73 किग्रा), शुभम टोडकर (61 किग्रा) और नारायण अजीत (73 किग्रा)