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मुंबई : 6 बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मेरीकोम (Mary kom) का मानना है कि खिलाड़ियों की नई पीढ़ी में उनकी तरह सफलता हासिल करने का जज्बा नहीं है और वे सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि से संतुष्ट हो जाते हैं। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने यह भी कहा कि वह 41 साल की उम्र में भी ‘सुपर फिट' हैं और उनमें ‘अधिक से अधिक हासिल करने' की ललक बरकरार है। मेरीकोम आने वाले समय में पेशेवर बनने के विकल्प पर विचार कर रही है।

 

उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम के इतर कहा- मैं लड़ूंगी (मुक्केबाजी), वह लड़ने (खेलने) की भावना केवल मेरीकोम में है। मेरे पास अन्य खेल सितारों से कुछ अनोखा है। उन्होंने कहा- मैं 41 साल की हूं, मैं इस साल से कोई भी अंतरराष्ट्रीय (एमेच्योर) प्रतियोगिता में नहीं उतर सकती क्योंकि उम्र सीमा है। मैं हालांकि अपने खेल को एक, दो या 3 साल तक जारी रखना चाहती हूं। इस दिग्गज ने कहा कि जब उन्होंने मुक्केबाजी शुरू की थी तब की तुलना में खेलों में अधिक सुविधाएं और विकल्प होने के बावजूद वर्तमान पीढ़ी में पर्याप्त जज्बा नहीं है।


6 बार की विश्व चैम्पियनशिप विजेता खिलाड़ी ने कहा- मैं सुपर फिट हूं, मैं और अधिक हासिल करना चाहता हूं, वह भूख मुझमें है। मौजूदा समय की युवा पीढ़ी एक बार चैंपियन बन कर संतुष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर मेरी तरह उनमें भी वह जज्बा और वह भूख हो तो हमारे देश में और अधिक पदक आएंगे।