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नई दिल्लीः आईलीग की टीम इंडियन एरोज के मुख्य कोच लुईस नार्टन डी मातोस ने टीम के गोलकीपर धीरज सिंह के यूरोप में संभावनाएं तलाशने के लिए बीच में टूर्नामेंट छोड़ देने के निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। अंडर-17 फीफा विश्वकप में भारतीय फुटबाल टीम का हिस्सा रहे धीरज ने एरोज के साथ अपने करार को समाप्त कर यूरोप और इग्लैंड में अपना करियर बनाने का फैसला किया है। आईलीग में एरोज के लिए अहम चरण पर धीरज के इस निर्णय से उनकी टीम के कोच पुर्तगाल के मातोस ने गहरी निराशा जताते हुए कहा है कि युवा फुटबाॅलर ने अपने करियर के अहम मोड़ पर ही गलत निर्णय लिया है।  

करियर के अहम मोड़ पर सही निर्णय नहीं ले रहे धीरज 
आईलीग में एरोज के मोहन बागान के साथ 1-1 से ड्रॉ हुए मैच में मैन ऑफ द मैच चुने गए धीरज टीम के मुख्य खिलाड़ियों में थे लेकिन अब वह यूरोप में खेलने के लिए विदेशी क्लबों में ट्रायल देंगे। पूर्वाेत्तर के फुटबालर विदेशी क्लबों में मदरवेल एफसी, इंग्लैंड के लीग वन चार्लटन एथलीट क्लब, ब्लैकबर्न रोवर्स और वेस्टहैम यूनाइटेड जैसे क्लबों के लिए ट्रायल में उतरेंगे। कोच मातोस ने हालांकि माना है कि 17 वर्षीय युवा फुटबाॅलर को अभी और अनुभव की जरूरत है और उनका घरेलू लीग को बीच में ही छोड़ देने का फैसला सही नहीं है। अंडर-17 विश्वकप के बाद चर्चा में आए मणिपुर के धीरज की निंदा करते हुए मातोस ने कहा कि मुझे लगता है कि यह धीरज के करियर का अहम मोड़ है जहां वह सही निर्णय नहीं ले रहे हैं जबकि उन्हें आईलीग में खेलकर अभी और अनुभव हासिल करना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि धीरज विदेशी क्लबों में खेलने के लिये अभी तैयार हैं। मुझे लगता है कि वह ऐसे लोगों की बात मान रहे हैं जिन्हें नहीं पता कि खिलाड़ी के लिये सही रास्ता क्या है। उनके लिये फिलहाल आईलीग में खेलकर अनुभव हासिल करना अधिक जरूरी है। गौरतलब है कि अखिल भारतीय फुटबाल संघ(एआईएफएफ) ने धीरज को तीन वर्ष का नया करार का प्रस्ताव भी दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। मातोस ने साथ ही कहा कि धीरज विदेशी क्लबों में यदि चुने भी जाते हैं तो उन्हें अपने 18 वर्ष की आयु में पहुंचने का इंतजार करना होगा क्योंकि फीफा नियमों के अनुसार इसी उम्र के विदेशी खिलाड़यिों के साथ क्लब करार कर सकते हैं। ऐसे में इतना लंबा समय उनके पास खेलने का मौका नहीं होगा।