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स्पोर्ट्स डैस्क: एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में राजस्थान के टोंक शहर से उस खिलाड़ी को भारतीय टीम में जगह मिली है जो कभी खेलने के लिए घर में मार खाता था। लेकिन अब उसके घर में उस समय खुशी की लहर दाैड़ उठी, जब उन्हें खबर मिली कि उनके बेटे को टीम इंडिया में चुना गया। यह खिलाड़ी कोई आैर नहीं, बल्कि खलील खुर्शीद अहमद हैं। शनिवार को संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशिया कप टूर्नामेंट के लिए 16 सदस्यीय टीम का ऐलान किया गया, जिसमें बाएं हाथ के तेज गेंदबाज खलील अहमद का नाम भी शामिल है। टूर्नामेंट 15 से 28 सितंबर के बीच यूएई में आयोजित किया जाएगा. भारत 19 सितंबर को अपना दूसरा मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा।

IPL में लगी थी करोड़ों की बोली
खलील अहमद उस समय सुर्खियों में आए थे जब आईपीएल सीजन 2018 के लिए उनकी बोली करोड़ों लगाई गई। उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद ने 3 करोड़ चुकाकर अपनी टीम में शामिल किया था। जब वह सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट का फाइनल खेलकर कोलकाता से राजस्थान के टोंक शहर लौट रहे थे तो उन्हें खबर मिली की उन्हें आईपीएल टीम में चुना गया। हालांकि उन्हें एक ही मैच खेलने का माैका मिला था, जिसमें उन्होंने 3 ओवर की गेंदबाजी करते हुए बिना कोई विकेट लिए 38 रन दिए थे। खलील पिछले दो सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े थे, लेकिन उन्हें खेलने काम माैका नहीं मिला।
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घर में होती थी पिटाई
आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से परिवार उनके क्रिकेट खेलने के खिलाफ था। फिर भी वह दोस्तों से साइकिल मांगकर क्रिकेट खेलने जाया करते थे। पेशे से कंपाउंडर उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन खलील तो क्रिकेटर बनने की ठान चुका था। खलील जब एकेडमी से वापस आता तो उसकी जमकर पिटाई होती। जितनी ज्यादा पिटाई होती उतना ही क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बढ़ता गया। यही वजह है कि आज खलील का जुनून उन्हें उस मंजिल तक ले आया जहां हर खिलाड़ी पहुंचना चाहता है। 

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कोच के कहने पर खलील के पिता ने मानी थी बात

खलील के पिता बिल्कुल उनके खिलाफ थे। शायद वो समझते थे कि उसकी किट का खर्चा वो नहीं उठा सकते, लेकिन खलील के कोच इम्तियाज ने उन्हें समझाया। उन्होंने ही खलील के पिता को समझाया कि बेटे में बड़े क्रिकेटर बनने के सारे गुण है। उसे क्रिकेट खेलने से मत रोके। 

2 गेंदें फेंकते ही हो गए थे सिलेक्ट
आईपीएल में चुने जाने के बाद खलील ने बताया था कि मैं पहली बार अंडर-14 का ट्रायल देने गया था और दो गेंद डालते ही सिलेक्ट हो गया था। उसके बाद डूंगरपुर ट्रॉफी के 4 मैचों में 23 विकेट लिए तो अंडर-16 में डायरेक्ट सिलेक्ट हुआ। इसके बाद 2016 अंडर-19 वर्ल्ड कप में सिलेक्शन हुआ।


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इंजरी के समय द्रविड से मिला था सपोर्ट

जब खलील अंडर-19 वर्ल्ड कप में चोटिल हुए थे तो उन्हें कोच राहुल द्रविड़ से सपोर्ट मिला था। खलील सिर्फ दो मैच ही खेल सके थे आैर वह दोनों मैचों में मैन आॅफ द मैच अवाॅर्ड से नवाजे गए थे, लेकिन चोटिल होने के कारण वह अन्य मैच नहीं खेल सके थे। इस दाैरान द्रविड ने उन्हें समझाया था कि चोट से पैनिक होने की जरूरत नहीं है। खिलाड़ियों के साथ ये होता रहता है। अपनी फिटनेस पर ध्यान दो और जब भी मौका मिले अपना बेस्ट देना।