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ढाका : भारतीय पुरुष रिकर्व टीम ने हाल के दिनों में अपना सबसे रोमांचक प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को दक्षिण कोरिया को एक बेहद करीबी शूट-ऑफ में हराकर 18 साल में पहली बार एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 

यशदीप भोगे, अतनु दास और राहुल की तिकड़ी ने 2-4 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए सेओ मिंगी, किम येचन और जंग जिहो की कोरिया की दूसरी श्रेणी की टीम पर 5-4 से नाटकीय जीत दर्ज की और 2009 से इस प्रतियोगिता पर कोरिया के दबदबे को खत्म किया। दोनों टीमों ने शूट-ऑफ में 29 अंक बनाए लेकिन दो बार के ओलंपियन दास ने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए 10 अंक वाला निशाना साधा जो कोरिया के तीरंदाज के निशाने के मुकाबले केंद्र से अधिक करीब था। 

व्यक्तिगत स्पर्धाओं में जल्दी बाहर होने वाले दास के दबाव में शानदार खेले भारत ने 2007 के बाद से एशियाई चैंपियनशिप पुरुष टीम में पहला स्वर्ण पदक जीता। इस परिणाम के साथ चैंपियनशिप में भारत के पदकों की संख्या चार स्वर्ण और दो रजत हो गई। कंपाउंड टीम ने बृहस्पतिवार को  तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीत लिए थे। भारत के कंपाउंड तीरंदाजों का प्रदर्शन शानदार रहा है जिसमें ज्योति सुरेखा वेन्नम ने टीम और व्यक्तिगत दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर यादगार दोहरा प्रदर्शन किया। 

यह रिकर्व पुरुष टीम के कोच राहुल बनर्जी के लिए बेहद भावुक क्षण था जो 2007 की चैंपियन टीम के सदस्य थे। तब स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम में उनके साथ मंगल सिंह चंपिया और जयंत तालुकदार भी थे। खिलाड़ी के तौर पर चैंपियन बनने के अठारह साल बाद 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने दूसरी जीत हासिल की। उन्होंने कहा, ‘एक कोच के तौर पर यह वाकई संतोषजनक है क्योंकि हमने कोरिया को हराया। मैं और अतनु कल रात इस बारे में चर्चा कर रहे थे कि हमने लंबे समय से कोई स्वर्ण पदक नहीं जीता था और आखिरकार यह बात पूरी हो गई। अगला लक्ष्य निश्चित रूप से एशियाई खेल हैं।' 

कोरिया भले ही अपने दिग्गज ओलंपिक चैंपियन किम वूजिन के बिना आया हो, लेकिन टीम में बेहतरीन प्रतिभाएं मौजूद हैं। सेओ मिंगी राष्ट्रीय ट्रायल में शीर्ष पर रहे, 20 वर्षीय किम येचन चेंगदू विश्वविद्यालय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं। इस तिकड़ी में प्रतिभाशाली जंग जिहो भी शामिल है। बनर्जी ने कहा, ‘वे उनके शीर्ष तीन तीरंदाज नहीं हैं, लेकिन विश्व चैंपियनशिप के बाद उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल लिया और ये चुने गए। जहां तक मेरी जानकारी है वे उनके शीर्ष क्रम में चौथे, पांचवें और छठे नंबर के तीरंदाज हैं।' 

फाइनल मुकाबला उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कोरिया ने पहले सेट में आठ के एक निशाने के बाद 56 अंकों से शुरुआत की और भारत ने उसे माकुल जवाब दिया। भारत दूसरे सेट में एक निशाना सात अंक का लगाने के बावजूद 56 अंक बनाकर फिर से कोरिया की बराबरी करने में सफल रहा। कोरिया ने तीसरे सेट में कोरिया ने 57 अंकों के साथ बढ़त हासिल की लेकिन भारत ने चौथे सेट में लगातार 10 अंकों वाले निशाने से शुरुआत कर दबाव बना लिया। टीम इस सेट को 57-53 से जीतने में सफल रही। स्कोर 4-4 से बराबर होने के बाद मुकाबला शूट ऑफ में गया जहां टीम ने शानदार निशाने के साथ पिछले दो दशक के खिताबी सूखे को खत्म किया। 

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