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नई दिल्ली : आठ पेनल्टी कॉर्नर और एक पेनल्टी स्ट्रोक मिलने के बावजूद गोल नहीं कर सकी भारतीय हॉकी टीम को दिल्ली में एक दशक बाद हो रहे अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच में जर्मनी की युवा टीम ने बुधवार को 2.0 से हरा दिया। 

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर 11 साल बाद हो रहे इस मुकाबले में जर्मनी का पलड़ा पहले से आखिरी मिनट तक भारी रहा जिसने भारतीय टीम को पूरे समय दबाव में रखा। पेरिस ओलंपिक में दस गोल करने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह सीनियर स्तर पर इस मैदान पर अपने पहले मैच में पेनल्टी स्ट्रोक पर गोल नहीं कर सके जबकि सर्कल के भीतर स्ट्राइकर किसी मूव को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाए। 

जर्मनी के लिए हेनरिक मर्टजेंस (तीसरा मिनट) और कप्तान लुकास विंडफेडर (30वां) ने गोल दागे। जर्मन गोलकीपर जोशुआ एन ओंयेकवू ने भारत के हर वार को नाकाम किया और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में शुमार हरमनप्रीत को भी खामोश रखा। दिल्ली में बरसों बाद मैच देखने के लिये सप्ताह के बीच और दिन में खेल होने के बावजूद मैदान पर जमा छह से सात हजार दर्शकों को भारत के प्रदर्शन से निराशा हाथ लगी। 

विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेल 2010 के अलावा एशियाई खेल 1982 के कई शानदार मुकाबलों के गवाह रहे इस स्टेडियम पर यह बिल्कुल ही एकतरफा मैच था। आधे से ज्यादा युवा खिलाड़ियों के साथ आई जर्मन टीम ने तीसरे ही मिनट में हेनरिक मर्टजेंस के गोल के दम पर बढ़त बना ली। इसके चार मिनट बाद जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारत के रेफरल पर उसे खारिज कर दिया गया। 

भारत को आठवें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन सुखजीत सिंह गोल करने में नाकाम रहे। पहले क्वार्टर में जर्मनी ने एक गोल से बढ़त बना ली थी। दूसरे क्वार्टर में भारत को चार पेनल्टी कॉर्नर और एक पेनल्टी स्ट्रोक मिला लेकिन गोल नहीं हो सका। क्वार्टर के छठे मिनट में मनप्रीत सिंह ने संजय को अच्छा पास दिया जिसने दिलप्रीत सिंह को गेंद सौंपी लेकिन उनका शॉट बाहर से निकल गया। अगले मिनट भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन संजय गोल नहीं कर सके। 

भारत को 25वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर अनुभवी अमित रोहिदास चूके तो 26वें मिनट में मिले दो पेनल्टी कॉर्नर हरमनप्रीत ने गंवाए। भारत को 27वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दिलप्रीत ने रिबाउंड पर गोल कर दिया था लेकिन जर्मनी ने रेफरल लिया जिसके बाद भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला। हरमनप्रीत के सीधे शॉट को जब जर्मन गोलकीपर ने रोका तो दर्शकों को विश्वास ही नहीं हुआ। जर्मनी को दूसरे क्वार्टर के आखिरी मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को लुकास ने गोल में बदला। 

हाफटाइम तक जर्मनी के पास दो गोल की बढ़त थी। तीसरे क्वार्टर में भी भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति गेंद को फिनिशिंग तक पहुंचाने में नाकाम रही। भारत को मिडफील्ड में हार्दिक सिंह की कमी बहुत खली जो चोट के कारण बाहर हैं। भारतीय टीम को 40वें मिनट में फिर दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन जर्मनी की टीम पूरी तैयारी के साथ आई थी और मेजबान को कामयाबी हाथ नहीं लगने दी। इस बीच अगले मिनट में पलटवार पर जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन कृशन बहादुर सिंह ने उसे बचा लिया। भारत और जर्मनी कल दूसरा और आखिरी मैच यहीं खेलेंगे। 

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